कोटपूतली: 73 वर्षीया नर्बदा को साढ़े सात वर्षों से थी उठने-बैठने में दिक्कत, अब वह अपना सारा काम खुद कर सकेगी

कोटपूतली: 73 वर्षीया नर्बदा को साढ़े सात वर्षों से थी उठने-बैठने में दिक्कत, अब वह अपना सारा काम खुद कर सकेगी

पल्स हॉस्पिटल के चिकित्सकों को मिली बड़ी कामयाबी
घुटना प्रत्यारोपण का हुआ सफल ऑपरेशन

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज।
एक वृद्धा, जो घुटनों के भारी दर्द के कारण एक-दो नहीं, बल्कि पूरे साढ़े 7 सालों से इतनी परेशान थी कि उठना-बैठना तो दूर, वह ठीक से सो भी नहीं पाती थी, लेकिन अब वह न केवल अपना सारा खुद कर सकेगी, बल्कि अपने नाती-पोतों को भी घुमा सकेगी। कोटपूतली के पल्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में चिकित्सकों की टीम ने नर्बदा का सफल घुटना प्रत्यारोपण करने में कामयाबी पाई है। हॉस्पिटल के निदेशक डा.महेंद्र सिंह पलसानिया ने बताया कि नीमकाथाना के छावनी निवासी 73 वर्षीया नर्बदा देवी पत्नी दामोदर प्रसाद सैनी के घुटने पूरी तरह से खराब हो चुके थे। वह पिछले साढ़े 7 सालों से दर्द से बिल्कुल परेशान थी और घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द होने से चलने व उठने-बैठने में असमर्थ थी। दर्द के कारण वह ठीक से सो भी नहीं पाती थी। परिजनों ने वृद्धा को हॉस्पिटल में दिखाया तो डा.सुनील कुमार चौधरी व उनकी टीम ने नर्बदा के घुटनों का प्रत्यारोपण किया। ऑपरेशन सफल होने के बाद मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है और बिना दर्द के चल पा रही है। डा.पलसानियां ने बताया कि हॉस्पिटल में घुटना प्रत्यारोपण एवं कूल्हे के जोड़ का प्रत्यारोपण चिरंजीवी योजना सहित आरजीएचएस, ईसीएचएस, ईएसआईसी एवं अन्य प्रमुख टीपीए में निशुल्क किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोटपूतली-बहरोड़ जिले में पल्स मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एक मात्र ऐसा प्राइवेट हॉस्पिटल है, जहां घुटनों एवं कूल्हे का निशुल्क प्रत्यारोपण चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में स्टेरिलिटी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। महिला के घुटनों का सफल ऑपरेशन होने पर परिजनों ने खुशी जताते हुए डा.पलसानिया सहित उनकी टीम का आभार जताया।

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