दर्जनों पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं ने की इस्तीफे की घोषणा
सभा में मुकेश गोयल पर निर्दलीय चुनाव लडऩे का बढ़ा दबाव
सभा में भावुक हुए गोयल तो कार्यकर्ताओं की आंखों से निकली अश्रुधारा
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
वैसे तो हर विधानसभा चुनाव में अधिकांश सीटों पर बगावत होना आम बात है और अमूमन सभी प्रमुख पार्टियों को इस चुनौती से निपटने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाना पड़ता है, लेकिन राजस्थान विधानसभा के इस चुनाव की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही 41 सीटों पर टिकट बंटवारे में आगे रही भाजपा में अनेक स्थानों पर उठ रहे बगावती सुर कहीं न कहीं भाजपा को भारी नुकसान की तरफ ले जा रहे हैं। ऐसी ही कुछ हालत कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में भी नजर आ रही है। इस क्षेत्र से भाजपा नेता मुकेश गोयल का टिकट कटने पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सम्मेलन आयोजित हुआ। अपने भाषण के दौरान मुकेश गोयल कई बार भावुक हुए तो वहीं अंत में आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। इस दौरान अनेक समर्थक भी फूट-फूटकर रोने लगे। सम्मेलन में दर्जनों पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न गांवों के लोग शामिल हुए। सभा में हर वक्ता ने टिकट का विरोध करते हुए मुकेश गोयल को निर्दलीय की हैसियत से चुनाव लडऩे का सुझाव दिया तो वहीं, पार्टी के निर्णय से आक्रोशित दर्जनों पदाधिकारियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। भाजपा जिला महामंत्री से लेकर जिला मंत्री और विभिन्न मोर्चों के प्रदेश, जिला, मंडल, बूथ तक के दर्जनों पदाधिकारियों ने मौके पर ही इस्तीफा देने का ऐलान किया। कोटपूतली में भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद उठ रहे विरोध का स्वर विद्रोह में बदलता जा रहा है। इसी बीच गोयल के समर्थन में दर्जनों पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं द्वारा की गई इस्तीफे की घोषणा से पार्टी को नुकसान होने की आशंका प्रबल हो गई है। यदि यही हालात बने रहे तो भाजपा नेताओं को बगावती तेवर अपना रहे पदाधिकारियों की मनुहार में न केवल कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, बल्कि चुनाव में नुकसान का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
फूट-फूट कर रोए गोयल
भाषण के दौरान मुकेश गोयल ने पुन: अपनी बात दोहराते हुए पार्टी के निर्णय का विरोध किया और कहा कि वे न तो पार्टी के खिलाफ हैं और न ही किसी नेता के, किन्तु कोटपूतली में जिस भाजपा प्रत्याशी को टिकट दिया गया है, उसका मैं विरोध करता हूं। भाजपा मेरी मां के समान है। गत चुनाव में इसी व्यक्ति ने भाजपा का खुलकर अपमान किया, झंडे-बैनर फूंके, हमारे नेताओं को गालियां दी। ऐसे व्यक्ति को मैं कतई स्वीकार नहीं कर सकता और पार्टी के इस निर्णय का खुलकर विरोध करता हूं। भाषण के दौरान गोयल कई बार भावुक हुए। उनकी आंखों से बहती आंसुओं की धारा देख समर्थक भी फूट-फूटकर रोने लगे।
निर्दलीय चुनाव लडऩे का संकेत
सभा में समर्थकों ने गोयल पर निर्दलीय चुनाव लडऩे का दबाव बनाया तो गोयल ने भी कहा कि हमारे लिए पार्टी से पहले कोटपूतली की जनता है। इसके हितों की रक्षा के लिए हमें कोई भी कदम उठाना पड़े, हम पीछे नहीं रहेंगे। गोयल ने स्थानीय मुद्दों को भी उठाया और कहा कि आज हर वर्ग त्रस्त है, इससे निजात पाने का हम सभी ने संघर्ष का संकल्प लिया था। उन्होंने पुन: अपने विरोध की बात दोहराते हुए यह भी कहा कि वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं और आगे भी रहेंगे। यदि चुनाव में उनकी जीत होती है तो भी वे वापस पार्टी में ही जायेंगे, लेकिन घोषित भाजपा प्रत्याशी को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। आखिरकार, सभा में एक कमेटी गठित करने और न्याय यात्रा के माध्यम से जनता की राय जानने के बाद चुनाव लडऩे का फैंसला लेने की सहमति बनी। यदि गोयल निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव में कूदे तो भाजपा प्रत्याशी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। चूंकि, गोयल के पक्ष में भाजपा के दर्जनों पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने खुला समर्थन भी देखने को मिल रहा है।
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