कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
मंगलवार को राजस्थान पेंशनर समाज कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर राष्ट्रीय पेंशनर दिवस मनाया गया। संरक्षक श्याम सुंदर पालीवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राजस्थान पेंशनर समाज के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र शर्मा ने सभी पेंशनर्स को बधाई देते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की। महासचिव बृजभूषण कौशिक ने बताया कि 17 दिसंबर 1982 में सर्वोच्च न्यायालय ने पेंशनर्स के सम्मान एवं शालीनता की गारंटी देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले में कहा गया था कि पेंशन न तो कोई उपहार है और न ही नियोक्ता की इच्छा पर रहने वाली कृपा है, और ना ही यह कोई अनुग्रह राशि है। यह पूर्व में पेंशनर द्वारा की गई सेवाओं का ही भुगतान है। जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिनों में नियोक्ता के लिए इस आश्वासन पर लगातार काम किया कि बुढ़ापे में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा। इस अवसर पर स्वर्गीय डी.एस. नाकारा को याद किया गया। उन्होंने कहा कि नकारा के प्रयास से ही उक्त फैसला सुनाया गया था। इस मौके पर पेंशनर्स को आरजीएचएस में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु विचार विमर्श कर प्रांतीय कार्यकारिणी को पत्र के माध्यम से समाधान हेतु अवगत कराने का निर्णय लिया गया। साथ ही सफल प्रांतीय अधिवेशन के आयोजन पर प्रांतीय अध्यक्ष व कार्यकारणी का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा, कार्यालय सचिव सुरेश चंद्र शर्मा, कार्यालय प्रभारी किशन लाल जांगिड़, हजारीलाल कटारिया, हजारीलाल राय, कैलाश जाट, बुद्धाराम आर्य सहित बड़ी संख्या में पेंशनर उपस्थित थे।
2024-12-17