कहा-महाकुंभ समता-समरसता का असाधारण संगम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुना प्रधानमंत्री का उद्बोधन
जयपुर/सच पत्रिका न्यूज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 118वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। नववर्ष 2025 का यह पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी प्रयागराज महाकुंभ स्थित राजस्थान मण्डप में प्रधानमंत्री के सम्बोधन को सुना।
विविधता में एकता का महाकुंभ
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ा चिरस्मरणीय जन-सैलाब, अकल्पनीय दृश्य और समता-समरसता का असाधारण संगम विविधता में एकता का उत्सव है। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं है। यह ‘कुंभ’ एकता का महाकुंभ है। श्री मोदी ने कहा कि कुंभ का आयोजन बताता है कि कैसे हमारी परम्पराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही, दक्षिण भू-भाग में, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में ‘गंगा सागर’ मेले का भी विहंगम आयोजन हुआ और संक्रांति के पावन अवसर पर इस मेले में पूरी दुनिया से आए लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। ‘कुंभ’, ‘पुष्करम’ और ‘गंगा सागर मेला’ – हमारे सामाजिक मेल-जोल, सद्भाव और एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं।
11 जनवरी को हुई सांस्कृतिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा
मोदी ने कहा कि इस महीने हमने ‘पौष शुक्ल द्वादशी’ के दिन रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर्व की पहली वर्षगांठ मनाई है। इस साल ‘पौष शुक्ल द्वादशी’ 11 जनवरी को पड़ी और इस दिन लाखों राम भक्तों ने अयोध्या में रामलला के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना की पुनः प्रतिष्ठा की द्वादशी है। मोदी ने आमजन से आह्वान किया कि वे विकास के रास्ते पर चलते हुए विरासत को सहेजे और उनसे प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़े।
संविधान निर्माताओं के विचार हमारी धरोहर
मोदी ने कहा कि इस बार के गणतंत्र दिवस पर संविधान लागू होने के 75 साल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान सभा सदस्यों के विचार हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। प्रधानमंत्री ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के भाषणों के अंश साझा करते हुए देशवासियों से इन महापुरूषों के विचारों से प्रेरणा लेते हुए ऐसे भारत के निर्माण करने के आह्वान किया जिस पर इन संविधान निर्माताओं को भी गर्व हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 की शुरुआत में ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। बेंगलुरू के स्पेस-टेक स्टार्ट-अप पिक्सेल’ ने भारत का पहला निजी सैटैलाइट कॉन्स्टलेशन— फायर-फ्लाई, सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पौधे उगाने और उन्हें जीवित रखने के प्रयास भी कर रहे हैं। आईआईटी मद्रास का एक्सटेम केंद्र अंतरिक्ष में मैन्यूफैक्चरिंग के लिए नई तकनीकों पर काम कर रहा है। उन्होंने अपने उद्बोधन में असम के नौगांव में किसानों द्वारा हाथियों की भूख मिटाने के अभिनव प्रयास एवं दो नए टाईगर रिजर्वों गुरू घासीदास-तमोर पिंगला (छत्तीसगढ़), रातापानी (मध्यप्रदेश) का जिक्र भी किया। साथ ही, मोदी ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों का स्मरण भी किया।
कुम्भ देश की प्राचीन परम्परा का प्रतीक- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्था की गई है। महाकुम्भ हमारे देश की प्राचीन संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। ऐसी पुरातन एवं वैभवशाली परम्परा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलती है जहां करोड़ों लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ संगम में डुबकी लगाते हैं। प्रत्येक भारतवासी को ऐसी गौरवशाली परम्परा पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन हम सब देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणादायी होने के साथ ही, उत्सावर्धक होता है। उनके उद्बोधन के माध्यम से हमें हमारे देश की उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलती है और गर्व महसूस होता है।
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