हाथ-पैर के धागे काटे, मंगलसूत्र और चूडिय़ां भी उतारनी पड़ी
फैस स्कैन कर परीक्षार्थी को दिया प्रवेश
दोनों पारियों में कुल 1601 परीक्षार्थी रहे गायब
गूगल मैप ने तोड़ा अध्यापक बनने का सपना, रास्ते में भटकते रहे कई परीक्षार्थी
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
जिले में पहले दिन दो पारियों में रीट परीक्षा संपन्न हुई। परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की स्कैनिंग कर प्रवेश दिया गया। इस दौरान लगभग सभी सेन्टरों पर कई परीक्षार्थी निर्धारित समय सीमा के बाद पहुंचे, जिससे उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया तो कई छात्राएं फूट-फूट कर रोने लगी। सेन्टरों पर पुलिस निगरानी में एक-एक कर सभी परीक्षार्थियों की जांच कर सेन्टर में प्रवेश दिया गया। इस दौरान कई महिलाओं को कान व नाक में पहनी रिंग नही निकलने, गहनों और मोबाइल को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा तो कहीं परीक्षार्थियों को प्रवेश के लिए आधार कार्ड की फोटो प्रति समेत जरुरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण भी परेशानी बनी रही। कड़ी चेकिंग के बाद ही कैंडिडेट्स को सेंटर में एंट्री दी गई। महिलाओं के जेवरात, धागे, दुप्पटे तथा बैग बाहर ही उतरवा दिए गए। अबकी बार नकल रोकने के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए थे। नकल व पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार अलर्ट मोड पर है। हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से जांच और बॉयोमेट्रिक अटेंडेंस के अलावा परीक्षा केंद्र पर पहली बार कैंडिडेट्स का फेस रेकग्निशन किया गया।
9 और 2 बजे बाद नहीं मिली एंट्री
रीट परीक्षा को लेकर परीक्षा केंद्र में पहली पारी में प्रवेश के लिए 9 बजे तक तथा दूसरी पारी में 2 बजे तक का समय तय किया गया था। जिससे 9 बजे बाद आने वाले सभी परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं मिला। इस दौरान कई परीक्षार्थियों ने पुलिस व परीक्षा केन्द्र में मौजूद अधिकारियों ने हाथ जोड़ कर विनती करते नजर आए, लेकिन लेट होने पर अधिकारी बोले की आप को प्रवेश देकर हमें हमारी नौकरी दाव पर नहीं लगानी है। समय पर आए होते तो प्रवेश मिल जाता। नियमों के अनुसार अभी एंट्री को बंद कर दिया गया है। कई छात्रों ने जाम का हवाला दिया तो किसी ने सेंटर दूर होने का बहाना बनाया।
अध्यापक बनने का सपना टूटा
जगदीशपुरा तथा बसई रोड़ के निजी सेंटरों पर पहुंचे अनेक परीक्षाओं को गूगल मैप ने रास्ता भटका दिया। इन परीक्षार्थियों ने बताया कि चार साल से मेहनत कर रहे हैं। एक से दो मिनट देर से पहुंचने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। गूगल मैप ने कई परीक्षार्थियों का अध्यापक बनने का सपना तोड़ दिया। कई जगह रोड जाम के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। दोनों कॉलेजों में छात्र-छात्राएं रोने-बिलखने लगी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश देने से इंकार कर दिया।
यहां चकमा देकर घुसी दो छात्राएं
राजकीय सरदार स्कूल में 5 मिनट देरी से पहुंची दो छात्राएं पुलिस को चकमा देकर अंदर घुस गई। मौके पर तैनात पुलिसकर्मी चाहकर भी उन्हें रोक नहीं सका। हुआ यूं कि 9 बजे गेट बंद कर दिया गया और 9 बजकर 2 मिनट पर छात्राएं पहुंची। उन्होंने गेट पर मौजूद पुलिसकर्मी से प्रवेश देने की मिन्नतें की, लेकिन एंट्री नहीं मिली। करीब 9 बजकर 5 मिनट पर पेपर वाली गाड़ी आ गई। पुलिसकर्मी गेट खोलने लगा तो इसी बीच मौके का फायदा उठाते हुए दोनों छात्राएं पेपर वाली गाड़ी से पहले अंदर प्रवेश कर गई और पुलिसकर्मी चाहकर भी उन्हें रोक नहीं सका। इसके तुरंत बाद परीक्षा देने पहुंची कुछ अन्य छात्राओं ने भी एंट्री देने की मांग की, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। इसे लेकर परीक्षा से वंचित रही छात्राओं में काफी नाराजगी देखने को मिली।
बायोमैट्रिक बना परेशानी का सबब
अधिकांश केन्द्रों पर बायोमैट्रिक और फैस स्कैनिंग से एंट्री की व्यवस्था परेशानी का सबब बनी रही। राजकीय एलबीएस कॉलेज से लेकर सरदार स्कूल और अन्य कई केन्द्रों पर बायोमैट्रिक और फैस स्कैनिंग में काफी वक्त लगा। प्रवेश की समय सीमा पूरी होते देख केन्द्राधीक्षकों ने सभी परीक्षाओं को गेट के अंदर कर लिया। इसके बाद बायोमैट्रिक और फैस स्कैनिंग कराने के लिए परीक्षार्थियों को कतार में खड़े रहकर लंबा इंतजार करना पड़ा। कुछ सेंटरों पर बायोमैट्रिक भी खराब होने की सूचना मिली है। जांच के दौरान गेट पर महिला परीक्षार्थियों को मंगलसूत्र से लेकर चूडिय़ां भी उतारनी पड़ी तो हाथ-पैर में बांधे धागे से लेकर अन्य आभूषण भी उतारने पड़े।
परीक्षा के बाद शहर के चौराहे पर भीड़
दोनों पारियों की परीक्षाएं खत्म होने के बाद कैंडिडेट्स वापस अपने घर जाने के लिए साधनों के लिए मारामारी करते हुए दिखे। बस डिपो पर सभी बसें फुल थी और घर जाने के लिए बस स्टैंड पर कैंडिडेट्स की भारी भीड़ रही। एक साथ हजारों परीक्षार्थियों के सडक़ों पर आ जाने से शहर की सडक़ों पर जाम की स्थिति बन गई। इस दौरान सबसे अधिक परेशानी डाबला रोड़ से गुजरने वाले भारी वाहनों ने पैदा कर दी। आम तौर पर ऐसे मौकों पर इन भारी वाहनों का संचालन कर बंद कर दिया जाता है, लेकिन इस परीक्षा में भीड़ अधिक होने के बावजूद इनका संचालन जारी रहा। इससे जाम की समस्या विकराल हो गई और यातायात सुचारु कराने में पुलिस के पसीने छूट गए।