JAIPUR: “ग्लोबल बिज़ समिट, और स्टार्टअप पेवेलियन अवार्ड समारोह” आयोजित

JAIPUR: “ग्लोबल बिज़ समिट, और स्टार्टअप पेवेलियन अवार्ड समारोह” आयोजित

उद्यमिता और स्टार्टअप के लिए कार्य करने वालों को राज्यपाल ने किया सम्मानित, युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जाए—राज्यपाल

 जयपुर/सच पत्रिका न्यूज

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि भारत तकनीकी दृष्टि से प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है। यहां नालंदा जैसा महान विश्वविद्यालय था। उन्होंने बख्तियार खिलजी द्वारा नालंदा के पुस्तकालय को जलाने की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान को नष्ट करने के निरंतर प्रयास हुए। उन्होंने कहा कि  दशमलव पद्धति पूरे विश्व को भारत ने दी। ऋषि भारद्वाज ने वायुयान पर अपने ग्रंथ में पहले ही अवगत करा दिया था। न्यूटन ने बहुत बाद में गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत दुनिया को बताया। भारत में तो वैदिक ग्रंथों में बहुत पहले ही इसके बारे में बता दिया गया था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने आने के बाद भारतीय ज्ञान को दबाने का प्रयास किया। राज्यपाल ने “विकसित भारत” की संकल्पना को पूरा करने किए उद्यमिता विकास के लिए युवाओं को अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नवाचार अपनाते हुए युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करना हमारी प्राथमिकता बने। इसी से भारत ‘विकसित भारत 2047’ के लिए तेजी से अग्रसर हो सकेगा।

राज्यपाल बागडे रविवार को ग्लोबल कॉमर्स काउंसिल द्वारा आयोजित “ग्लोबल बिज़ समिट, और स्टार्टअप पवेलियन अवार्ड समारोह” में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उद्यमिता और स्टार्टअप के लिए कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने केंद्रीय बजट की चर्चा करते हुए कहा कि यह देश के विकसित भविष्य की सुनहरी राह है। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री के साथ-साथ युवाओं के जरिए अर्थव्यवस्था और इनोवेशन को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को युवा कौशल और उद्यमिता केन्द्रित बताते हुए कहा कि इसमें आईआईटी का विस्तार,  टेक्नोलॉजी का समन्वय और  कृत्रिम बौद्धिकता पर विशेष जोर दिया गया है।

बागडे ने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने तीन करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया है। देश में एक हजार आईटीआई अपग्रेड हुए हैं और पांच एक्सीलेंस सेंटर बनाए गए हैं। पंथ प्रधान नरेंद्र मोदी की पहल पर देश में यह प्रयास किया जा रहा है कि विशेषज्ञों की मदद से भारतीय युवा विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सके। उन्होंने सरकारी प्रयासों के साथ—साथ निजी क्षेत्र को भी आगे आकर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को सृदृढ़ करने में भूमिका निभाने का आह्वान किया।

 

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