कांग्रेस और एससी-एसटी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, पुतला फूंककर जताया विरोध
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
रामगढ़ के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा के विवादित बयान को लेकर मंगलवार को कोटपूतली में जबरदस्त उबाल देखने को मिला। उनके उस बयान ने राजनीतिक गलियारों में आक्रोश की लहर दौड़ा दी, जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद उस मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करने की बात कही थी। इस बयान को लेकर दलित समाज और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा रोष है। जूली के समर्थन में कोटपूतली में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और एससी-एसटी वर्ग के लोगों ने मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राजकीय एलबीएस कॉलेज से एसडीएम कार्यालय तक शवयात्रा निकालकर आहूजा का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी करते हुए सीएम के नाम तहसीलदार रामधन गुर्जर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरुप कसाना ने कहा कि आहूजा का यह बयान सिर्फ टीकाराम जूली ही नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह बयान सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने वाला है और एक सनकी व समाज को बांटने वाली मानसिकता को दर्शाता है। ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष प्रकाशचंद सैनी व कांग्रेस नेता तारा पूतली ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश सभी जातियों और समुदायों का है और इस तरह का बयान क्षेत्र की सामाजिक एकता को तोडऩे का प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ज्ञानदेव आहूजा सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो कांग्रेस पार्टी जनआंदोलन छेड़ेगी और उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जाएगा। इस दौरान कांग्रेस नेता रामनिवास यादव, हनुमान सैनी और मेघवाल विकास समिति के जिलाध्यक्ष सुबेसिंह मोरोडिय़ा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बयान भाजपा की दलित विरोधी सोच का उदाहरण है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों पर विफल रही है और अब जनता का ध्यान भटकाने के लिए समाज को जातिगत आधार पर बांटने की साजिश रच रही है। प्रदर्शन में कांग्रेस नेता प्रदीप पूतली, छोटूराम सामरिया, रतिराम जिलोवा, पार्षद उमेश आर्य, हरिपाल वर्मा, बदलू राम आर्य, मदनलाल वर्मा, गंगादीन, अभिलाष मीणा, वीरेंद्र शर्मा, श्रीराम आर्य, रमेश सैनी सहित काफी संख्या में लोग शामिल रहे।