जयपुर/सच पत्रिका न्यूज
पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली शराब व बीयर इकाइयों की जांच के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के मुख्य पर्यावरण अभियंता की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति में कोटपुतली-बहरोड़ के अतिरिक्त जिला कलेक्टर और मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा एक माह में इन सभी औद्योोगिक इकाइयों की जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगा। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि रिपोर्ट के आधार पर औद्योगिक अपशिष्ट का नियमानुसार निस्तारण नहीं करने निकलने वाली फैक्ट्रीयों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नीमराना औद्योगिक क्षेत्र स्थित कोन्गरेट्स एग्रो पैक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निष्कासित गैस से हुए फसल के नुकसान की शिकायत की जाँच सम्बंधित क्षेत्र के कृषि अधिकारी द्वारा करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस इकाई को गत 20 जनवरी को किये गए निरीक्षण दौरान भी नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अब 7 दिन का फाइनल नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा कि इकाई द्वारा मिलने वाले जवाब के आधार पर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले विधायक डॉ. जसवंत सिंह यादव के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पर्यावरण राज्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा औद्यो्गिक इकाइयों को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 एवं जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत वायु व जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु समुचित व्यवस्था स्थापित व संचालित करने के साथ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 में निहित जल व वायु प्रदूषण कारकों के मानदण्डों की पालना सुनिश्चित करने की शर्त के साथ स्थापना एवं संचालन सम्मति जारी की जाती है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बहरोड़ की औद्योगिक इकाइयों का राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय-समय पर निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग कर जल एवं वायु प्रदूषण कारकों के निर्धारित मानदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करवाई जाती है। उन्होंने विगत वर्ष में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान मानदंडों के अनुसार संचालित उद्योगों का इकाईवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
श्री शर्मा ने बताया कि शराब बीयर की औद्योगिक इकाइयों से जनित अपशिष्ट के उचित उपचार हेतु उच्छिष्ट उपचार संयंत्र (ई.टी.पी.) स्थापित किया जाता है। उन्होंने स्थापित उच्छिष्ट उपचार संयंत्रों एवं निस्तारण की वर्तमान स्थिति का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय—समय पर मेसर्स एमवाई के सोतानाला, मेसर्स रेडियंट एनोडाईज़र सोतानाला, मेसर्स पर्नोड रिकार्ड व मेसर्स ग्लोबस श्यामपुरा का निरीक्षण किया गया। उन्होंने इन उद्योगों की जांच की अवधि एवं गत पांच वर्षों में किये गये निरीक्षण, अंतिम निरीक्षण की अनुपालना स्थिति एवं उद्योगों के विरुद्ध राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा की गयी कार्यवाही तथा विगत वर्ष में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान मानदंडों की पूर्ण पालना नहीं करते उद्योगों की सूची एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण सदन के पटल पर रखा।
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