राजे को दी जा सकती है राष्ट्रीय जिम्मेदारी
जयपुर/आनंद पंडित (स्वतंत्र पत्रकार)
राजस्थान में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद एक्टिव मोड में हैं, लेकिन कैबिनेट को लेकर अब भी सभी को इंतजार है। साथ ही प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे के भविष्य को लेकर भी अभी तक सस्पेंस का माहौल है। सूत्र बताते हैं कि राजे को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के समान राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। वसुंधरा राजे दो दिन से दिल्ली में ही सक्रिय हैं। इसके चलते उम्मीद है कि जल्द ही शीर्ष नेतृत्व उनकी नई भूमिका का एलान कर सकता है। प्रदेश में भजनलाल सरकार के कैबिनेट को लेकर जनता सहित विधायकों को बेसब्री से इंतजार है। मंत्रियों के नाम तय हो चुके हैं और एक-दो दिन में लिस्ट जारी हो सकती है। वहीं दूसरी ओर तीसरी बार सीएम बनने से रह गई राजे की भूमिका को लेकर भी अटकलों का दौर चल रहा है। यह तो साफ है कि वह भजनलाल सरकार का हिस्सा नहीं होंगी और ऐसे में अब उनकी नई भूमिका क्या होगी? इसको लेकर सभी की नजर दिल्ली पर टिकी हुई है। दो दिन से राजे दिल्ली में ही सक्रिय हैं और पार्टी की हाईलेवल मीटिंग में भी उन्होंने शिरकत की है। बताया जा रहा है कि राजे को एमपी के पूर्व सीएम की भांति राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी कोई नई जिम्मेदारी दे सकती है। इसको लेकर फिलहाल कयास ही लगाए जा रहे हैं। राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं और संभवत: पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर उन्हें नई भूमिका में मैदान में उतार सकती है।
समर्थकों को बड़ी जिम्मेदारी का इंतजार
वसुंधरा राजे के समर्थकों को भले ही अपनी नेता के तीसरी बार मुख्यमंत्री नहीं बनाने से मायूसी हुई है, लेकिन उन्हें अब भी उम्मीद है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसी के चलते बताया जा रहा है कि राजे अपने समर्थकों को कैबिनेट का हिस्सा बनाने में लगीं हुई हैं, ताकि प्रदेश में उनकी पकड़ यथावत रहे।
बढ़ेगा वसुंधरा का कद
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के भविष्य पर बड़ा बयान दिया था। नई दिल्ली में आयोजित एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में नड्डा ने साफ किया था कि इन तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के अब तक के अनुभव और पार्टी में भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्हें उनके कद के अनुसार नया जिम्मा जरुर दिया जाएगा।