जयपुर/सच पत्रिका न्यूज
गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार गौशालाओं के रख-रखाव के लिए संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में बजट वर्ष 2024-25 में गौशालाओं को देय अनुदान सहायता राशि में 10 फीसदी की वृद्धि की गई थी। अब बजट वर्ष 2025-26 में भी 15 फीसदी की वृद्धि के लिए घोषणा की गई है। गोपालन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 4 हजार 140 गौशालाएं संचालित हैं। इनमें से 3 हजार 43 गौशालाएं इस वर्ष अनुदान सहायता राशि के लिए पात्र है। नियमानुसार गौशाला में 100 गौवंश की संख्या होने पर अनुदान दिया जाता है।
कुमावत ने कहा कि पात्र गौशालाओं को 9 माह का अनुदान दिया जाता है। वर्षा ऋतु में पर्याप्त चारे की व्यवस्था होने से अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर में अनुदान नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा की पात्र 37 गौशालाओं को अनुदान दिया गया है। इससे पहले विधायक गोपीचंद मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में गोपालन मंत्री ने बताया कि गौ संवर्धन एवं संरक्षण के लिए ‘राजस्थान गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 संशोधित नियम 2021‘ के प्रावधान अनुसार पात्र गौशालाओं में संधारित गौवंश को भरण-पोषण के लिए सहायता राशि, पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला योजना जनसहभागिता योजना, ग्राम पंचायत गौशाला एवं पशु आश्रय स्थल जनसहभागिता योजना, गौशाला विकास जनसहभागिता योजना, गौकाष्ठ मशीन योजना संचालित है।
इन योजनाओं में पात्र पंजीकृत गौशालाओं को गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए चारे-पानी एवं पशु-आहार अनुदान देने का प्रावधान है। साथ ही, आधारभूत परिसम्पतियों के निर्माण के लिए भी सहायता राशि दी जाती है। कुमावत ने बताया कि भीलवाड़ा में गौशालाओं एवं नंदीशालाओं को भूमि आवंटन का कोई प्रकरण लम्बित नहीं है। उन्होंने भीलवाड़ा की अनुदान एवं सहायता से वंचित अपात्र गौशालाओं की सूची सदन के पटल पर रखी।
Share :