विप्र समाज नहीं भारत की संस्कृति—राज्यपाल
जयपुर/सच पत्रिका न्यूज
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने रविवार को छत्रपति संभाजी नगर में विप्र फाउंडेशन, विभागीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि जो समाज महिला सशक्तिकरण, समाज सेवा और सामाजिक समरसता के लिए कार्य करता है, वही निरंतर आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विप्र समाज नहीं भारत की संस्कृति है। जो ब्रह्म यानी अंतिम सत्य को जानता है, वही विप्र है।
बागडे ने वैदिक काल से ब्राह्मणों के रहे गौरवमई अतीत को स्मरण करते हुए कहा कि जब-जब समाज में अंधकार छाया है, धरती पर विधर्मियों के कारण संकट आए हैं तब ब्राह्मणों ने आगे आकर समाज को आलोक पथ दिखाने का कार्य किया है। उन्होंने विप्र समाज द्वारा समाज हित में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली और कहा कि संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए समाज निरंतर कार्य करे। उन्होंने भगवान परशुराम और उनके तेज को स्मरण करते हुए महाराष्ट्र, बंगाल, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक आदि में विप्र समाज संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यो को महत्वपूर्ण बताया। आरंभ में विप्र फाउंडेशन के राजेश बुटोते, सुरेश पारीक, सी.एम. शर्मा आदि ने राज्यपाल बागडे का अभिनंदन करते हुए आभार जताया।
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