कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
नवगठित जिला कोटपूतली-बहरोड़ के जिला मुख्यालय कोटपूतली पर ही जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापित करने की मांग को लेकर गुरुवार को लगातार 23वें दिन भी आंदोलन जारी रहा। अधिवक्ता संघ के सदस्य क्रमिक अनशन और कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। बुधवार को कोटपूतली, बानसूर, नारायणपुर, विराटनगर और पावटा में अधिवक्ताओं और व्यापारियों ने मिलकर शहर व कस्बों को पूर्णतया बंद कर इस मांग को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। इसके बावजूद अब तक सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
18 से 30 हजार मुकदमे लंबित
लगातार हड़ताल और कार्य बहिष्कार के कारण अदालतों में लगभग 18 से 20 मुकदमे लंबित हो चुके हैं। इसके अलावा अन्य प्रशासनिक और विधिक कार्य भी ठप पड़े हुए हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को आंदोलन के 23वें दिन अपर जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर कोटपूतली में अधिवक्ताओं ने जबरदस्त नारेबाजी और प्रदर्शन किया। अध्यक्ष उदयसिंह तंवर की अगुवाई में एडवोकेट रमाकांत शर्मा, अमरसिंह चौधरी, इस्माइल खान, अमरसिंह यादव, हरिश कौशिक ने क्रमिक अनशन किया।
आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी
अधिवक्ताओं ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग को जल्द नहीं माना गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। धरने पर उपाध्यक्ष रंजीत वर्मा, सचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा, विजय सैनी, चेतराम रावत, नवीन मीणा, रेखा चतुर्वेदी, विकास मीणा, मुकेश यादव, राजाराम रावत, सुभाष गुर्जर, विकास जांगल, योगेश सैनी, कमल शर्मा, राजेश रावत, अनिल मीणा, बजरंग शर्मा, पुरुषोत्तम बीदाणी, सुभाष मीणा सहित कई अधिवक्ता मौजूद रहे। फिलहाल, यह आंदोलन जिले में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है और सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
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