जिला न्यायालय को लेकर कोटपूतली और बहरोड़ के बीच टकराव जारी
वकीलों ने किया जोरदार प्रदर्शन
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
कोटपूतली-बहरोड़ जिले में जिला न्यायालय की स्थापना को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। कोटपूतली और बहरोड़ बार एसोसिएशन आमने-सामने हैं, जिससे इस मुद्दे को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस विवाद के दौरान ही बीच में कूदे मुंडावर विधायक ललित यादव के एक बयान को लेकर कोटपूतली के वकीलों ने उनका पुतला जलाकर विरोध जताया। मुंडावर विधायक ललित यादव द्वारा बहरोड़ में डीजे कोर्ट खोलने की वकालत करने से कोटपूतली के वकील भडक़ गए। इसके विरोध में कोटपूतली बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने विधायक ललित यादव के पुतले की शवयात्रा निकाली और आजाद चौक पर उसे जलाकर नारेबाजी की।
सस्ती लोकप्रियता बटोर रहे विधायक
कोटपूतली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय सिंह ने विधायक ललित यादव पर अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक को बहरोड़ में डीजे कोर्ट की मांग करने के बजाय विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। वकीलों ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। कोटपूतली संघ का कहना है कि जिला न्यायालय को कोटपूतली के पनियाला क्षेत्र में ही खोला जाए, क्योंकि वहां अन्य जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए पहले से ही जमीन आवंटित हो चुकी है। वहीं, बहरोड़ बार एसोसिएशन का तर्क है कि अगर सारे कार्यालय कोटपूतली में बनेंगे, तो कम से कम जिला न्यायालय बहरोड़ में होना चाहिए।
जिले के पहले बड़े विवाद में उलझी सरकार
यह विवाद जिले के गठन के बाद का पहला बड़ा प्रशासनिक टकराव बन चुका है। सरकार के लिए यह तय करना आसान नहीं होगा कि जिला न्यायालय को कहां स्थापित किया जाए, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी दलीलें मजबूत बता रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे सुलझाता है और क्या दोनों पक्षों को संतुष्ट करने का कोई बीच का रास्ता निकलता है या नहीं। इधर, वकीलों का आंदोलन लगातार 23वें दिन भी जारी रहा। कोर्ट परिसर में एडवोकेट भोजराज यादव, अशोक आर्य, राजकुमार मंडोवरा, कमल शर्मा एवं भूपेश शर्मा ने क्रमिक अनशन किया।
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