श्री श्याम परिवार के वार्षिकोत्सव पर ऐतिहासिक प्रभात फेरी
हर मोड़ पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
कोटपूतली की गलियां रविवार को सुबह सीता-राम और राधे-श्याम के भक्तिरस में उस समय डूबी नजर आई, जब श्री श्याम परिवार के दूसरे वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक प्रभात फेरी का आयोजन हुआ। यह आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक जागरुकता का प्रतीक बन गया। सुबह की ठंडी हवाओं और उगते सूरज की सुनहरी रोशनी के बीच जब राम और श्याम के जयकारे गूंजे, तो शहर का माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। प्रभात फेरी का शुभारंभ सराय मोहल्ला स्थित संतोषी माता मंदिर परिसर से हुआ। सुबह लगभग 5 बजे जैसे ही कीर्तन की स्वर लहरियों के साथ यह धार्मिक यात्रा शुरु हुई तो श्रद्धालुओं का कारवां खुद-ब-खुद जुड़ता चला गया। विशेष बात यह रही कि यह प्रभात फेरी विगत दो वर्षों से निरंतर चल रही धार्मिक परंपरा का उत्सव स्वरुप आयोजन थी। जिसमें श्याम बाबा की भव्य और सजी हुई झांकी प्रभात फेरी का मुख्य आकर्षण रही। झांकी के पीछे भजन-कीर्तन करते श्रद्धालु, महिला मंडल, युवाओं की टोली, बच्चे और बुजुर्ग सभी सम्मिलित थे। शहर के हर मुख्य मार्ग पर इस प्रभात फेरी का स्वागत किया गया। कहीं रंगोली बलाई गई, कहीं घरों के बाहर दीप जलाकर श्रद्धालुओं का स्वागत हुआ तो कहीं भव्य आतिशबाजियों से आकाश रोशन किया गया। श्रीराम भवन से निकली श्रीराम सत्संग मंडल की टोली ने भी मंडल के संयोजक आनंद पंडित के नेतृत्व में प्रभात फेरी में भाग लिया। उनके साथ-साथ अन्य इलाकों से भी रोजाना प्रभात फेरी में शामिल होने वाले श्रद्धालु इस विशेष अवसर पर एकजुट हुए।
साधु-संतों ने भी लिया हिस्सा
समापन पर श्री श्याम परिवार के संयोजक राजेश सवाईका ने सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रभात फेरी न सिर्फ प्रभु स्मरण का माध्यम है, बल्कि यह हमें शारीरिक रूप से सक्रिय और मानसिक रुप से स्थिर बनाए रखने का प्रयास भी है। अवध बिहारी मंदिर के महंत बालेश्वरदास महाराज और रामचंद्र दास महाराज ने भी अपने आशीर्वचन दिए और कहा कि ऐसी धार्मिक पहलें समाज को एकजुट करने, सद्भाव बनाए रखने और सकारात्मकता फैलाने का सशक्त माध्यम हैं। आयोजन में महिलाओं की सहभागिता विशेष रुप से उल्लेखनीय रही।