कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
कोटपूतली थाना पुलिस ने चार वर्षीय बालक से दुष्कर्म करने के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पुलिस को कई घंटों तक गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस की सख्ती और कड़ाई से की गई पूछताछ के आगे वह अधिक देर तक टिक नहीं सका। कोटपूतली-बहरोड़ पुलिस अधीक्षक रंजीता शर्मा ने बताया कि 22 जनवरी को परिवादी के परिवार में आयोजित शादी समारोह के दौरान रात्रि को अचानक उसका 4 वर्षीय बेटा गायब हो गया। परिजनों ने खोजबीन शुरु की तो देर रात्रि को बंटाई पर खेती करने वाला और आसपास के खेतों की रखवाली करने वाला विजेन्द्र स्वामी बच्चे को साथ लेकर सडक़ पर आता हुआ मिल गया। उसने परिजनों को बताया कि बच्चा अकेला रोड पर आता हुआ मिला था। देर रात्रि को बच्चे ने अपनी मां को गुदा में दर्द होना बताया। इस पर उसके साथ दुष्कर्म का अंदेशा हुआ तो पिता ने अगले दिन घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच थानाधिकारी राजेश शर्मा को सौंपी। चूंकि, मामला 4 वर्षीय बालक के साथ दुष्कर्म का था, जिसे एसपी रंजीता शर्मा ने गंभीरता से लिया और मामले के खुलासे के लिए एएसपी नेम सिंह व डीएसपी मदनलाल जैफ के निर्देशन में थानाधिकारी राजेश शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया।
शादी की 1200 वीडियो क्लिप छानी
थानाधिकारी राजेश शर्मा ने तत्काल पीडि़त बालक का मेडिकल मुआयना करवाकर जांच शुरु की। घटनास्थल पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे को चैक किया तो उसमें एक व्यक्ति रात्रि करीब पौने 10 बजे बालक को अपनी गोद में उठाकर ले जाता नजर आया, किन्तु अंधेरा व घना कोहरा होने के कारण आरोपी की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर ही डेरा डाल लिया और वर-वधु दोनों पक्षो के वीडियोग्राफर द्वारा की गई वीडियोग्राफी की करीब 1200 वीडियो क्लिप चेक की व शादी में शरीक हुए लोगों के मोबाइलों में की गई वीडियो रिकॉर्डिंग भी चेक की गई, लेकिन आरोपी की पहचान नहीं हो सकी। इस पर थानाधिकारी ने परम्परागत पुलिसिंग के तरीके अपनाए और घटनास्थल से करीब 3 किमी के क्षेत्र को गहनता से सर्च किया। सीसीटीवी फुटेज में नजर आए व्यक्ति की चाल-ढ़ाल के आधार पर शक की सुई जाकर उसी विजेन्द्र स्वामी नाम के व्यक्ति पर टिक गई, जिसने बालक को परिजनों के सुपुर्द किया था। संदेह के आधार पर पुलिस ने उक्त संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरु की।
आमने-सामने की पूछताछ तो हुआ भंडाफोड़
आपको बता दें कि आरोपी विजेन्द्र स्वामी बालक के परिजनों की नजर में भला आदमी नजर आ रहा था। चूंकि, उसी ने बालक को परिजनों के सुपुर्द किया था, जिस पर परिजन उसे बार-बार धन्यवाद दे रहे थे कि यदि वह नहीं होता तो बालक पता नहीं मिलता या नहीं। पुलिस ने उसी संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ शुरु की तो वह कई घंटों तक पुलिस को गुमराह करता रहा और कुछ लोगों के नाम बताते हुए कहा कि वह घटना के वक्त उनके साथ था। इस पर पुलिस ने उसके द्वारा बताए लोगों को भी बुला लिया और जब आमने-सामने पूछताछ की तो उक्त लोगों ने अपने साथ होने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद भी आरोपी नई-नई मनगढ़ंत बातें बताकर गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस की कड़ाई के आगे वह अधिक देर तक नहीं टिक सका और अंतत: उसने ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम देना कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी विजेन्द्र स्वामी उर्फ मिंटू (32) निवासी गोपालपुरा, कोटपूतली को बापर्दा गिरफ्तार कर शनिवार को जयपुर के पोक्सो कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस टीम में एएसआई कबूल सिंह, हैड कांस्टेबल शमशेर सिंह, कांस्टेबल जितेन्द्र, रामानन्द, ओमप्रकाश, कृष्ण कुमार व चालक सुभाष जाट शामिल थे। कुल 72 घंटे के अंदर पूरे मामले का खुलासा कर देने पर एसपी रंजीता शर्मा ने पुलिस टीम को बधाई दी है।
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