कंस वध और कृष्ण-रुक्मणी विवाह का हुआ वर्णन
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
समीप के नारेहड़ा कस्बे में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के छठे दिन शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। समाजसेवी गोविंद नारायण शर्मा की ओर से आयोजित कथा के दौरान कथा वाचक कुमारी भक्ति त्रिपाठी ने कंस वध से लेकर रुक्मणी विवाह के प्रसंगों का चित्रण किया। उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु के पृथ्वीलोक में अवतरित होने के प्रमुख कारण थे, जिसमें एक कारण कंस वध भी था। कथावाचक ने कहा कि कंस ने मथुरा में आतंक मचा रखा था। भगवान कृष्ण ने उसका वध कर आतंक से मुक्ति दिलाई। दुष्ट कंस के बुलाने पर श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई दाऊजी के साथ मथुरा पहुंचे। जहां उनके दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। मल्ल युद्ध के बाद श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। भक्ति त्रिपाठी ने ऊधौ और गोपी संवाद का भी मार्मिक ढंग से वर्णन किया। उन्होंने रुकमणी विवाह को लेकर हुए काफी संघर्ष और युद्ध की कथा भी सुनाई। कथा के अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। मनोज नारायण शर्मा ने बताया कि सोमवार को हवन-यज्ञ के बाद भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में हरिप्रसाद शर्मा, कृष्ण कांत, रतन कुमार, अरविंद शर्मा, निरंजनलाल, राज नारायण, गोपाल शर्मा, अशोक शर्मा, पार्षद मनोज गौड, अनिल शरण, रजत जिंदल, पप्पू गुलशन समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।