Kotputli: निदेशालय गठन का विरोध, मंत्रालयिक कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बोले-कार्य होंगे प्रभावित

Kotputli: निदेशालय गठन का विरोध, मंत्रालयिक कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, बोले-कार्य होंगे प्रभावित

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने आज जिला कलेक्टर शुभम चौधरी को ज्ञापन सौंपकर निदेशालय के गठन का विरोध किया है। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने बताया कि कुछ मंत्रालयिक संगठनों की निदेशालय के गठन की मांग पर मंत्रालयिक कर्मचारियों के निदेशालय की घोषणा की गई है। जो राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों के हित में नहीं है। मंत्रालयिक कर्मचारियों के निदेशालय गठन से राज्य सरकार के समस्त विभागों का कार्य प्रभावित होगा। वरिष्ठता का निर्धारण प्रत्येक कार्यालयवार अलग होकर जिला स्तर पर होता है, जबकि अन्य विभागों में वरिष्ठता का निर्धारण विभाग स्तर पर राज्य और मंडलवार होता है। जिसके अन्य विभागों से राजस्व विभाग के अधीन राजस्व मंडल के नियत्रंणाधीन कार्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारियों को निदेशालय के अधीन लाए जाने पर भारी विसंगति पैदा होने के साथ ही राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत गठित राजस्व मंडल का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जबकि वर्तमान में राजस्व मंडल इन कार्यालयों के लिए निदेशालय की ही तरह नियंत्रण का कार्य करता है। जिससे इन कार्यालयों को अलग से निदेशालय गठन की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के समस्त विभागों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के नियुक्ति के अधिकारी अलग-अलग है विभागों में पदोन्नति के नियम भी अलग-अलग है। सभी विभागों में वरिष्ठता का निर्धारण भी अलग अलग नियमों के तहत किया जाता है। इससे मंत्रालयिक कर्मचारियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ेगा। राज्य के प्रत्येक विभाग का कार्य विभाग के नियमानुसार सम्पादित होता है। मंत्रालयिक कर्मचारी की किसी विभाग में नियुक्ति होने के बाद उस विभाग के कार्य का अनुभव हो जाता है, लेकिन निदेशालय के गठन के बाद मंत्रालयिक कर्मचारियों का ट्रांसफर एक विभाग से अन्य विभाग में होने से मंत्रालयिक कर्मचारियों को उस विभाग के कार्य का अनुभव नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ राज्य कार्य भी प्रभावित होगा। कर्मचारियों ने मंत्रालयिक कर्मचारियों के निदेशालय का गठन नहीं किया जाकर वर्तमान व्यवस्था जारी रखने की मांग करते हुए कहा कि अगर निदेशालय का गठन किया जाता है तो राजस्व विभाग के अन्तर्गत राजस्व मण्डल, उपनिवेशन विभाग, बन्दोबस्त विभाग, संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर कार्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारियों को उसमें सम्मिलित नहीं किया जाए और राजस्व मंडल को सचिवालय के समान दर्जा दिया जाए। जिला कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित करते हुए राजस्व विभाग के समस्त कार्यालयों को न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यालय घोषित किए जाए। इस दौरान अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी रतिराम, जगदीश मीणा, रामनिवास सैनी संस्थापक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक ऐश्वर्य शर्मा, नवीन सैनी, महेश गुर्जर कनिष्ठ सहायक, रामचंद्र गुर्जर, नवीन शर्मा व भूपसिंह यादव सहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।

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