कुमारी भक्ति ने कहा-मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा जैसी
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
समीप के नारेहड़ा कस्बे में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा का समापन रविवार को हुआ। अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान कथा वाचक कुमारी भक्ति त्रिपाठी ने कहा कि मित्रता को लाभ हानि के तराजू में नहीं तोलना चाहिए। श्री कृष्ण ने सुदामा के साथ उज्जैनी में विद्या अध्ययन किया। सुदामा गरीब ब्राम्हण थे, जबकि कृष्ण द्वारिका के शासक। दोनों की मित्रता आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। कृष्ण-सुदामा मित्रता की कथा प्रेरणा देती है कि हम अपने गरीब मित्र को उसके हाल पर न छोड़ें, बल्कि जो भी हो सके उसकी मदद करें। इस दौरान कथा आयोजक गोविंद नारायण शर्मा, मनोज नारायण शर्मा, हरिप्रसाद शर्मा, कृष्ण कांत, रतन कुमार सहित अनेक लोगों ने कथा वाचक का सम्मान किया। कार्यक्रम में अरविंद शर्मा, निरंजनलाल, राज नारायण, गोपाल शर्मा, अशोक शर्मा समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मनोज नारायण शर्मा ने बताया कि सोमवार को हवन-यज्ञ और महाप्रसादी का भी आयोजन किया जाएगा।