क्या नाराज कार्यकर्ताओं को मना पाएगी भाजपा?
प्रत्याशियों की राह में अपने ही बने हैं रोड़ा
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
भाजपा भले ही पहली सूची में शामिल नेताओं को मनाने और अंतत: उन्हें घोषित प्रत्याशियों के समर्थन में ला खड़ा कर देने का दावा कर रही हो, लेकिन यह आसान नहीं है। भाजपा ने कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में हंसराज पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से जयपुर ग्रामीण के सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर दांव लगाया है। टिकट मिलने से बेहद उत्साहित नजर आ रहे दोनों प्रत्याशियों का पुरजोर तरीके से विरोध हो रहा है। उनके ही पार्टी के दिग्गज नेता लगातार विरोध कर रहे हैं। कोटपूतली में भाजपा नेता मुकेश गोयल तथा झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत एवं आशु सिंह सुरपुरा ने विद्रोह का झंडा उठा रखा है। कोटपूतली से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं व गोयल के समर्थक जयपुर जाकर विरोध-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इसके बाद से भाजपा के नेता लगातार बगावती तेवर अपना रहे दावेदारों को मनाने में जुटे हैं, लेकिन वे नहीं मानें तो न केवल झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बल्कि कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में भी दोनों घोषित प्रत्याशियों की डगर मुश्किलों से भर सकती हैं। इन सीटों पर बढ़ रही नाराजगी से संगठन की हवा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हांलाकि, संगठन के पदाधिकारी अपने स्तर पर उनकी मान-मनुहार का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे राजी नहीं हुए तो चुनावी रण में बाजी मारना आसान नहीं होगा।
आशु सिंह के एलान पर चिंता बढ़ी
भाजपा झोटवाड़ा में बगावत पर उतरे नेताओं को मनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है, किन्तु भाजपा के दावेदार रहे और घोषित प्रत्याशी का विरोध कर रहे आशु सिंह द्वारा निर्दलीय चुनाव लडऩे का एलान कर दिए जाने के बाद भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। इधर, कोटपूतली और सांचौर में 406 कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी हंसराज पटेल और सांसद देवजी पटेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कार्यकर्ताओं ने टिकट का विरोध करते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। वैसे तो भाजपा की पहली लिस्ट के 41 प्रत्याशियों में से अधिकतर का उनकी विधानसभा में विरोध हो रहा है। कोई किसी को बाहरी बता रहा तो कोई अपनी सक्रियता व पार्टी के लिए सालों से काम करने की दुहाई दे रहा है। जगह-जगह हो रहे विरोध-प्रदर्शन को देख ऐसा लगता है कि बीजेपी ने 2018 में पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले 8 प्रत्याशियों को टिकट देकर खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।
इनकी टिकट कटने पर हैरानी बढ़ी
झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की टिकट कटने से सभी हैरान हैं। चर्चा तो यहां तक कि शेखावत का टिकट काटकर उनके बजाय राजे के विरुद्ध पार्टी की एक रणनीति है। राजपाल सिंह शेखावत व उनके समर्थक बगावत पर उतारु हैं। वे कैंडल मार्च निकालकर भाजपा को वास्तविकता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इधर, दो दिन पहले ही आरआरएस पृष्ठभूमि के एवं टिकट के प्रबल दावेदार रहे आशु सिंह सुरपुरा को बीजेपी द्वारा झटका दिए जाने से खफा आशु सिंह व उनके समर्थकों ने विशाल रैली निकालकर पार्टी नेताओं के साथ ही सांसद राठौड़ की परेशानी बढ़ा दी है। आशु सिंह गीता की कसम खाकर निर्दलीय चुनाव लडऩे एवं जीतने तक जूते नहीं पहनने की बात कह चुके हैं। दूसरी ओर कोटपूतली क्षेत्र में भी नाराजगी बरकरार है। मुकेश गोयल के समर्थन एवं बीजेपी प्रत्याशी हंसराज पटेल के खिलाफ 400 से अधिक पदाधिकारी इस्तीफे सौंप चुके हैं। इससे पहले कोटपूतली में सभा कर गहरा आक्रोश भी प्रकट किया गया था। इधर, सांचौर में सांसद व बीजेपी प्रत्याशी देवजी पटेल के खिलाफ आधा दर्जन मंडल अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दे दिया है। सांचौर के 8 मंडल में से 6 के इस्तीफा देने से पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही है। यदि उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई तो पटेल के सामने परेशानी खड़ी हो सकती है।
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