KOTPUTLI-BEHROR: लक्खी मेला: 551 की महाप्रसादी, जेसीबी से मिलाया चूरमा

KOTPUTLI-BEHROR: लक्खी मेला: 551 की महाप्रसादी, जेसीबी से मिलाया चूरमा

चूरमा के लिए बाटियों की कंप्रेशर से सफाई और थ्रेसर से की पिसाई

भैरुबाबा का मेला 30, हैलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा, कलश यात्रा कल

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
कोटपूतली के कल्याणपुरा कुहाड़ा ग्राम स्थित छांपावाला भैरुजी मंदिर परिसर में 30 जनवरी को आयोजित होने वाले लक्खी मेले और भंडारे की तैयारियां जोरों पर है। व्यवस्थाओं चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए पुलिस भी बार-बार दौराकर आयोजकों को जरुरी निर्देश दे रही है। सोमवार को मेले में महाप्रसादी के लिए थ्रेसरों व जेसीबी की सहायता से करीब 400 क्विंटल चूरमा तैयार किया गया। बाटियां सिकने के बाद कंप्रेसर से सफाई की गई और उसके बाद थ्रेसर से पिसाई कर चूरमे में जेसीबी से 130 क्विंटल खाण्ड व घी मिलाया गया। चूरमे को मिलाने के लिए कार्यकर्ता हाथ और पांव में पॉलीथिन पहन कर ही कार्य करते हैं। चूरमे को जेसीबी से मिलाकर विभिन्न ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर मंदिर परिसर में रखवा दिया गया है। पिछले वर्ष भी यहां 351 क्विंटल चूरमे का भोग लगाया गया था। भंडारे के लिए कुल 551 क्विंटल की महाप्रसादी बनाई जा रही है, जिसमें 100 क्विंटल दही और करीब 50 क्विंटल दाल सहित अन्य सामग्री शामिल है। इस बार ग्रामीणों ने 100 मीटर लंबे जगरे में बाटियां सेंकी। जिससे 551 क्विंटल की महाप्रसादी बनाई जा रही है। जगरा लगाने के लिए 450 क्विंटल उपले अर्थात कंडे काम में लिए गए। पिछले साल वार्षिकोत्सव में यहां पर 515 क्विंटल की महाप्रसादी का भोग लगाया गया था। इस बार प्रसादी की मात्रा को बढ़ाया गया है। इस दौरान विधायक हंसराज पटेल ने मौके पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेकर जरुरी निर्देश और सुझाव भी दिए। महाप्रसादी के लिए दाल बनाने का काम बुधवार से प्रारंभ हो जाएगा। इसी दौरान करीब 11 हजार महिलाओं द्वारा गाजे-बाजे के साथ विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी। चूरमा तैयार करने में मेला कमेटी से जुड़े ग्रामीण जयराम जेलदार, पुजारी रोहिताश बोफा, कैलाश धाबाई, रामकुंवार सरपंच, विक्रम छावड़ी तथा बबलू गुर्जर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे रहे। इसके अलावा भैरु बाबा मंदिर पर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। मेले में हैलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड भी बना हुआ है।

इस तरह बनाया गया चूरमा

150 क्विंटल आटा, 50 क्विंटल सूजी, 30 क्विंटल देसी घी, 100 क्विंटल खांड, 10 क्विंटल मावा, 3 क्विंटल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विंटल खोपरा, 50 क्विंटल दूध आटे, 100 क्विंटल दूध का दही व 50 क्विंटल दाल को मिलाकर कुल 551 क्विंटल की महाप्रसादी तैयार की जा रही है।

दाल बनाने में यह सामग्री

50 क्विंटल दाल, 21 पीपा सरसों तेल, 5 क्विंटल टमाटर, 2 क्विंटल हरी मिर्च, 1 क्विंटल हरा धनिया मिलाया जाएगा। इसके साथ ही दाल में 60 किलो लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी और 40 किलो जीरा भी डाला जाएगा। विशेष बात यह है कि प्रसादी के लिए शुद्ध देशी का उपयोग किया जा रहा है। घी और दूध कुहाड़ा गांव के प्रत्येक घर से लिया जा रहा है। प्रसादी तैयार करने के लिए 150 हलवाईयों की टीम जुटी हुई है।

इसलिए है भैरुजी में आस्था

पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भैरुजी का परम भक्त था। जो भैरु बाबा की मूर्ति को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरु बाबा की मूर्ति लाने काशीजी चला गया। कहा जाता है कि भैरू ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा से बड़े बेटे की बली मांगी। जिस पर वह बेटे की बली देकर भैरू मूर्ति लेकर चल देता है। भैरू बाबा बलिदान व परीक्षा से खुश होकर पुत्र को जीवित कर देते हैं। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरों के साथ कुहाडा गांव में मूर्ति स्थापना की। स्थापना दिवस पर जागरण भण्डारे का आयोजन किया जाता है। यहां पंचदेव खेजडी वृक्ष की आज भी पूजा होती है। जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलकर मन्नत मांगती है।

सेवा में तैनात रहेंगे हजारों वालंटियर्स

ग्रामीणों की ओर से मेले की तैयारियां जोरशोर से की जा रही है तो वहीं पुलिस-प्रशासन भी मेले में उमडऩे वाली भीड़ को लेकर चौकन्ना है। ग्रामीण मेले को इतने व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराते हैं कि पुलिस प्रशासन भी हैरान रहता है। मेले में आने वाले हजारों वाहनों के लिए ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था तक खुद संभालते हैं। मेले में 21 स्कूलों के करीब 5 हजार विद्यार्थी अपनी सेवाएं देंगे तो वहीं 3 हजार पुरूष व 500 महिलाएं भी वालंटियर्स के रुप में तैनात रहेंगी। प्रसादी वितरित करने के लिए ढ़ाई लाख पत्तल-दोने, चाय-कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवा लिए गए हैं। मेले में पेयजल आपूर्ति के लिए 15 टैंकर तैनात रहेंगे। ग्रामीण जन सहयोग से पिछले एक माह से तैयारियों में जुटे हुए है।

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