योजना में अनियमितता और शिकायतों की एआई के माध्यम से गहन जांच – शासन सचिव वित्त (व्यय)
जयपुर/सच पत्रिका न्यूज
आरजीएचएस में गम्भीर अनियमितता बरतने के कारण प्रदेश के कुछ अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर्स और फॉर्मा स्टोर्स के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। दोषी अस्पतालों का डिएम्पेनलमेंट किया गया है। साथ ही गलत दावों पर पेनल्टी एवं ब्याज सहित वसूली तथा राजकीय कर्मचारियों के मामले में कार्ड निलंबन तथा पेनल्टी की वसूली अमल में लाई गई है।शासन सचिव, वित्त (व्यय) नवीन जैन ने बताया कि योजना में अनियमितता और दुरुपयोग रोकने के लिए एआई तकनीक और विशेषज्ञों की मदद से क्लेम्स का गहन विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरजीएस योजना के क्रियान्वयन में खामियों और शिकायतों के चलते कई अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर तथा फार्मा स्टोर्स जांच के घेरे में हैं। जांच के दायरे से बाहर अस्पतालों, फॉर्मेसी स्टोर्स तथा कर्मचारियों, पेंशनरों को पूर्व की तरह आरजीएचएस के समस्त लाभ देय होंगे, इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर विभाग की हेल्पलाइन 181 अथवा पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि आईपीडी तथा ओपीडी में फोटो की अनिवार्यता करने से पारदर्शिता आई है।अब राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त होने के बाद शीघ्र ही आरजीएचएस योजना में आयुष्मान योजना की तरह बायोमेट्रिक्स व्यवस्था लागू की जायेगी। जैन ने कहा कि योजना के कैशलेस होने के कारण लाभार्थियों का भी सजग रहना जरूरी है ताकि उनके नाम से कोई योजना का दुरुपयोग नहीं कर सके। उन्होंने लाभार्थियों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों अथवा फॉर्मेसी स्टोर्स द्वारा आरजीएचएस ओटीपी मांगे जाने पर उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिकृत व्यक्ति को ही ओटीपी दिया है। यदि इलाज या दवाई बीमा मिले ओटीपी के माध्यम से गलत दावे प्रस्तुत किए गए हैं, तो इसकी शिकायत तुरंत करनी चाहिए। लाभार्थी इस बात पर भी निगाह रखें कि उन्हें अनावश्यक आईपीडी में एडमिट न किया जाए, फालतू दवाएं तथा जांच न लिखी जाए तथा बिना उचित जांच परिणाम, सर्जरी आदि प्रारंभ न हो। उन्होंने कहा कि अनेक मामलों में मूल राशि से काफी अधिक राशि के दावे प्रस्तुत होने की घटनाएं भी सामने आई हैं। ऐसे में सभी लाभार्थियों का दायित्व है कि किसी भी हाल में अपने आरजीएचएस कार्ड, ओटीपी तथा ओपीडी वॉलेट की सुविधा का दुरूपयोग नहीं करें और न ही होने दें।
फर्जी स्लिप पर दवा देने से बचें दवा विक्रेता
जैन ने कहा कि आरजीएचएस में पंजीकृत फॉर्मासिस्ट तथा दुकानदार योजना के तहत दवाएं देने के संबंध में प्रस्तुत की गई ओपीडी स्लिप में लाभार्थी का नाम तथा आरजीएचएस कार्ड स्पष्ट रूप से चेक करें। साथ ही ओपीडी की पर्ची तैयार करने वाले चिकित्सक के नाम, हस्ताक्षर, आरएमसी नंबर स्पष्ट न होने पर जांच कर लें। इससे गलत प्रकार से फर्जी ओपीडी स्लिप पर दवा देने से बचा जा सकता है। इससे पूर्व वित्त विभाग द्वारा मार्च तथा अप्रैल माह में निजी अनुमोदित अस्पतालों तथा राजकीय स्वास्थ्य अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ एक विस्तृत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, योजना के दुरूपयोग तथा इनसे बचने के उपायों पर विस्तृत चर्चा भी की जा चुकी है।
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