कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
जंगली जानवरों की दस्तक ने शहर के एक मौहल्ले और रामसिंहपुरा गांव में लोगों को घंटों में दशहत में डाले रखा। जंगली बिज्जू और अजगर दिखाई देने से बच्चे जहां अपने घरों में कैद हो गए तो वहीं अन्य लोग भी सावधान हो गए। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घंटों मशक्त की। एक जगह तो उन्हें कामयाबी मिल गई, लेकिन दूसरी जगह से खाली हाथ लौटना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को सुबह करीब 7 बजे शहर के मध्य शनि मंदिर के निकट रमाकांत शर्मा के एक मकान में जंगली बिज्जू घुस गया। बिज्जू देखते ही महिलाएं व बच्चे चिल्ला उठे। छत की तरफ से मकान में घुसा बिज्जू मुख्य द्वार बंद होने के कारण बाहर नहीं निकल सका और एक ड्रम के पीछे जाकर छिप गया। रमाकांत सहित पड़ोसी गुरुप्रसाद अग्रवाल ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। करीब चार घंटे बाद पहुंचे फोरेस्ट कैलाशचंद सहित वनकर्मी राजेन्द्र मीणा, हनुमान प्रसाद व दिनेश कुमार ने पुराने सामान को हटाकर लाठी-डंडों के सहारे अंदर छिपे बिज्जू को काबू किया। इस बीच करीब चार घंटे तक पूरा परिवार दहशत में रहा।
बिज्जू के विचरण से भय का माहौल
स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरे मौहल्ले में आए दिन रात्रि को बिज्जू विचरण करते रहते हैं। मौहल्ले के बंद पड़े कई पुराने मकानों व उसके आसपास उन्हें देखा जाता है। इससे मोहल्लेवासी व बच्चों में भय का माहौल है। फोरेस्टर कैलाशचंद ने बताया कि बिज्जू एक शर्मिला जंगली जानवर है, जो रात्रि को ही बाहर निकलता है। वह किसी भी इंसानी गतिविधियों की दखल बर्दाश्त नहीं करता है और उसे जब यह डर होता है कि उस पर कोई हमला कर रहा है तो वह जवाबी हमला करने में पीछे भी नहीं रहता।
अजगर देख फूली बच्चों की सांसें
इससे पहले सुबह ही रामसिंहपुरा गांव में अजगर निकल आया। उसे देख बच्चे घबराकर घरों में दुबक गए तो वहीं अजगर को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने अजगर की खोजबीन शुरु की, लेकिन वह झाडिय़ों के बीच चला गया। काफी प्रयासों के बाद भी अजगर हाथ नहीं लगा।
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