KOTPUTLI-BEHROR: थ्रेसर से पिसाई कर जेसीबी से मिलाया 350 क्विंटल चूरमा, कुल बनाई जा रही है 515 क्विंटल की महाप्रसादी

KOTPUTLI-BEHROR: थ्रेसर से पिसाई कर जेसीबी से मिलाया 350 क्विंटल चूरमा, कुल बनाई जा रही है 515 क्विंटल की महाप्रसादी

भैरुबाबा का मेला 30 को, हैलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा

कोटपूतली-बहरोड/सच पत्रिका न्यूज।
कोटपूतली के कल्याणपुरा कुहाड़ा ग्राम स्थित छांपावाला भैरुजी मंदिर परिसर में मंगलवार को आयोजित होने वाले लक्खी मेले और भंडारे की तैयारियां जोरों पर है। व्यवस्थाओं चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए पुलिस भी बार-बार दौराकर आयोजकों को जरुरी निर्देश दे रही है। रविवार को मेले में प्रसादी के लिए थ्रेसरों व जेसीबी की सहायता से 350 क्विंटल चूरमा तैयार किया गया। चूरमे को जेसीबी से मिलाकर विभिन्न ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर मंदिर परिसर में रखवा दिया गया है। पिछले वर्ष भी यहां 350 क्विंटल चूरमे का भोग लगाया गया था। भंडारे के लिए कुल 515 क्विंटल की महाप्रसादी बनाई जा रही है, जिसमें 90 क्विंटल दही और करीब 60 क्विंटल दाल सहित अन्य सामग्री शामिल है। दाल बनाने का काम सोमवार से प्रारंभ हो जाएगा। इसी दौरान करीब 11 हजार महिलाओं द्वारा गाजे-बाजे के साथ विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी। चूरमा तैयार करने में मेला कमेटी से जुड़े जयराम जेलदार, रोहिताश बोफा, कैलाश धाभाई, रामकुंवार सरपंच, विक्रम छावड़ी, बनवारी पंच, बहादुर पंच, यादराम सरपंच, सतीश गुर्जर पवाला व बबलू गुर्जर, सवाई सिंह, धर्मपाल, बाबूलाल, यादराम व दाताराम सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे रहे।

इस तरह बनाया जा रहा चूरमा

चूरमे की प्रसादी के लिए 150 क्विंटल आटा, 50 क्विंटल सूजी, 8 क्विंटल बादाम, काजू व किसमिश, 3 क्विंटल खोपरा, 10 क्विंटल मावा, 70 क्विंटल खांड व करीब 10 क्विंटल देसी घी का प्रयोग किया गया है। सामूहिक भंडारे में 90 क्विंटल दही का भी वितरण किया जाएगा। इसके अलावा 60 क्विंटल दाल तैयार की जाएगी, जिसमें करीब 3 क्ंिवटल मसालों और 5 क्ंिवटल टमाटर, 2 क्ंिवटल हरी मिर्च, 1 क्ंिवटल हरी धनिया का उपयोग किया जाएगा। विशेष बात यह है कि प्रसादी के लिए शुद्ध देशी का उपयोग किया जा रहा है। घी और दूध कुहाड़ा गांव के प्रत्येक घर से लिया जा रहा है। प्रसादी तैयार करने के लिए 150 हलवाईयों की टीम जुटी हुई है।

इसलिए है भैरुजी में आस्था

पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भैरूजी का परम भक्त था। जो भैरु बाबा की मूर्ति को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरु बाबा की मूर्ति लाने काशीजी चला गया। कहा जाता है कि भैरू ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा से बड़े बेटे की बली मांगी। जिस पर वह बेटे की बली देकर भैरू मूर्ति लेकर चल देता है। भैरू बाबा बलिदान व परीक्षा से खुश होकर पुत्र को जीवित कर देते हैं। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरों के साथ कुहाडा गांव में मूर्ति स्थापना की। स्थापना दिवस पर जागरण भण्डारे का आयोजन किया जाता है। यहां पंचदेव खेजडी वृक्ष की आज भी पूजा होती है। जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलकर मन्नत मांगती है।

सेवा में तैनात रहेंगे हजारों वालंटियर्स

ग्रामीणों की ओर से मेले की तैयारियां जोरशोर से की जा रही है तो वहीं पुलिस-प्रशासन भी मेले में उमडऩे वाली भीड़ को लेकर चौकन्ना है। ग्रामीण मेले को इतने व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराते हैं कि पुलिस प्रशासन भी हैरान रहता है। मेले में आने वाले हजारों वाहनों के लिए ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था तक खुद संभालते हैं। मेले में 21 स्कूलों के करीब 5 हजार विद्यार्थी अपनी सेवाएं देंगे तो वहीं 3 हजार पुरूष व 500 महिलाएं भी वालंटियर्स के रुप में तैनात रहेंगी। प्रसादी वितरित करने के लिए 2.5 लाख पत्तल-दोने, चाय-कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवा लिए गए हैं। मेले में पेयजल आपूर्ति के लिए 10 टैंकर तैनात रहेंगे।

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