कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज।
भले ही सूबे में सत्ता बदल गई हो और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भजनलाल शर्मा काबिज हो गए हों, लेकिन जयपुर विद्युत वितरण निगम अभी भी अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री माने बैठा है। वैसे तो सत्ता बदलते ही तमाम प्रचार सामग्री और योजनाओं के पोस्टर-बैनर देखते ही देखते बदल जाते हैं, किन्तु कोटपूतली में विद्युत वितरण निगम की ओर से घर-घर बांटे जा रहे बिजली बिलों में अभी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो लगी हुई है। प्रदेश में डेढ़ माह पहले ही नवनियुक्त मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार पूरा कामकाज भी संभाल चुकी है। किन्तु इसका असर विद्युत निगम पर नहीं हुआ है। बिजली बिलों में अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो छापी जा रही है। जिसमें अशोक गहलोत ने अपने दोनों हाथ जोड़ रखे हैं। यही नहीं, उनकी फोटो के नीचे बाकायदा उनका नाम अशोक गहलोत और उसके नीचे मुख्यमंत्री राजस्थान भी लिखा हुआ है। इसमें यदि कुछ हटाया गया है तो वह है योजना का नाम। कोटपूतली में वितरित किए जा रहे बिलों में मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना का नाम नहीं है, बाकी लगभग सबकुछ वही है, जो आचार संहिता लागू होने से पहले वाले मासिक बिलों में था। जनवरी माह के बिजली बिल इन दिनों घर-घर बांटे जा रहे हैं, बिलों को देख हर कोई चौंक रहा है और इसकी तरह-तरह की चर्चाएं भी लोग कर रहे हैं। इतनी बड़ी लापरवाही किस स्तर पर हुई है, यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन आचार संहिता में फोटो हटा दिए जाने के बाद दुबारा बिजली बिलों पर अशोक गहलोत की फोटो छपना मानवीय भूल तो नहीं कही जा सकती। ज्ञात रहे कि प्रदेश में आचार संहिता लगने के बाद भी बिजली के बिलों सहित अन्य योजनाओं में निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो आने पर बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गई थी और कोर ग्रुप की बैठक में भी इसी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद बीजेपी ने बिजली के बिलों सहित अन्य योजनाओं से अशोक गहलोत की फोटो हटाने की मांग को लेकर निर्वाचन आयोग से इसकी भी शिकायत की थी। जिस पर बिजली बिलों से अशोक गहलोत की फोटो हटा दी गई थी। अब प्रदेश में नई सरकार का गठन हो गया है और मुख्यमंत्री के रुप में भजनलाल शर्मा को सत्ता संभाले डेढ़ माह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन सवाल यह है कि आचार संहिता खत्म होने और सत्ता में फेरबदल होने के बावजूद विद्युत निगम बिलों में अशोक गहलोत की फोटो क्यों छाप रहा है।
इनका कहना है…..
यदि ऐसा है तो कहीं न कहीं गलती हुई है। जल्द ही अधिकारियों से बातकर इसकी जांच कराने के बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
मनोज कुमार गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, कोटपूतली।
2024-02-03