KOTPUTLI-BEHROR: डीजे कोर्ट की मांग: गजब की एकजुटता और समर्थन

KOTPUTLI-BEHROR: डीजे कोर्ट की मांग: गजब की एकजुटता और समर्थन

एतिहासिक बंद, चाय-पान की थडिय़ां भी सूनी, बाजारों में सन्नाटा

बहरोड़ पर निशाना, वकीलों ने निकाली जमकर भड़ास

अब जिले के नाम से बहरोड़ को हटाने की मांग भी उठी

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
जिला न्यायालय की स्थापना को लेकर कोटपूतली और बहरोड़ के बीच जारी विवाद के बीच बुधवार को जिला अभिभाषक संघ के आव्हान पर कोटपूतली पूरी तरह से बंद रहा। इस बंद को व्यापारिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और विभिन्न संगठनों का पूर्ण समर्थन मिला, जिससे पूरे शहर में सन्नाटा पसरा रहा। विधि कॉलेजों के विद्यार्थी भी बंद के समर्थन में सडक़ों पर उतरे। मुख्य बाजारों से लेकर गलियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के शटर पूरी तरह बंद रहे। इससे आमजन को जरुरी सामान की खरीददारी में परेशानी का सामना करना पड़ा। फल-सब्जी मंडी से लेकर अनाज मंडी तक बंद रही। शहर भर में चाय-पान की थडिय़ों से लेकर फल और सब्जियों की दुकानें भी बंद रही। नगर पालिका तिराहे पर संघ के अध्यक्ष उदयसिंह तंवर के नेतृत्व में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया, जिसमें वकीलों से लेकर विभिन्न संगठनों के सैंकड़ों लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने बहरोड़ द्वारा उठाई जा रही मांग को नाजायज बताते हुए जमकर भड़ास निकाली और कहा कि जिला बनवाने के लिए दशकों तक कोटपूतली ने संघर्ष किया। जब सभी जिला स्तर के कार्यालय कोटपूतली में हैं तो डीजे कोर्ट बहरोड़ में क्यों खोला जाए?। वक्ताओं ने नवगठित जिले के नाम से बहरोड़ का नाम हटाने की मांग भी पुरजोर तरीके से उठाई और कहा कि इससे आगे भी जिला स्तर के कार्यालयों को लेकर विवाद की स्थिति बनी रहेगी। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि सरकार ने सभी प्रमुख जिला स्तर के कार्यालयों के लिए पनियाला के पास भूमि आवंटित कर दी है और इसी जगह डीजे कोर्ट से लेकर सभी कार्यालय खुलवाने के समर्थन में कोटपूतली ही नहीं, बल्कि विराटनगर, पावटा, बानसूर, नारायणपुर के वाशिंदे भी हैं। खुद बहरोड़ की आम जनता भी इससे सहमत है, लेकिन बहरोड़ के कुछ नेताओं द्वारा अपनी राजनीति चमकाने के लिए बेवजह इस मुद्दे को तूल दिया जा रहा है, जबकि जिला कार्यालयों के संबंध में जारी अधिसूचना में इसका हवाला दिया गया है और खुद हाईकोर्ट की कमेटी भी इसकी अनुशंषा कर चुकी है। ऐसे में जिला न्यायालय कोटपूतली में ही खुलना चाहिए। लोगों ने डीजे कोर्ट खोलने और जिले के नाम से बहरोड़ को हटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम बृजेश चौधरी को एक ज्ञापन भी सौंपा।

इन्होंने किया सभा को संबोधित

सभा को पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरुप कसाना, भाजपा नेता मुकेश गोयल, शंकरलाल कसाना, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष मैथली शरण, वस्त्र व्यापार संघ के अध्यक्ष होशियार सिंह कसाना, किराणा व्यापार समिति के अध्यक्ष हरिराम सैनी, दवा विक्रता संघ के अध्यक्ष सुभाष शर्मा, जितेन्द्र चौधरी, एडवोकेट रिछपाल सिंह चौधरी, बजरंगलाल शर्मा, सागरमल शर्मा, दयाराम गुर्जर, विकास जांगल, उदयसिंह तंवर, जिला पार्षद मंजू रावत, राधेश्याम शुक्लावास, सरपंच संघ अध्यक्ष सचिन यादव, विक्रम छावड़ी, मनोज चौधरी, नवल खंडेलवाल, सुरेश पायोनियर, पार्षद मनोज गौड, धर्मपाल सोनी, मनोज अग्रवाल, किशन बंसल, रमेश सैनी व तारा पूतली समेत अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट रमाकांत शर्मा ने किया।

कोटपूतली और बहरोड़ आमने-सामने

नवगठित कोटपूतली-बहरोड़ जिले में जिला न्यायालय की स्थापना को लेकर कोटपूतली और बहरोड़ बार एसोसिएशन के बीच गतिरोध बना हुआ है। दोनों ही बार एसोसिएशन पिछले 22 दिनों से आंदोलन कर रहा है। कोटपूतली संघ का कहना है कि अन्य जिला स्तरीय कार्यालयों की तरह जिला न्यायालय भी कोटपूतली के पनियाला इलाके में स्थापित किया जाए, जहां पहले से ही जमीन आवंटित की जा चुकी है। दूसरी ओर, बहरोड़ संघ जिला न्यायालय को बहरोड़ में खोलने की मांग कर रहा है। उनका तर्क है कि जिले के अन्य प्रशासनिक कार्यालय कोटपूतली में स्थापित किए गए हैं, इसलिए जिला न्यायालय बहरोड़ में खोला जाना चाहिए, क्योंकि यह जिले में बहरोड़ का भी नाम है।

अन्य क्षेत्रों ने भी दिया समर्थन

कोटपूतली बार एसोसिएशन को स्थानीय व्यापार मंडल, जनप्रतिनिधियों और सरपंच संघ के अलावा अन्य विधानसभाओं और नगर पालिका क्षेत्रों से भी समर्थन मिला है। विराटनगर, पावटा, बानसूर और नारायणपुर के जनप्रतिनिधि और व्यापार मंडल भी कोटपूतली में जिला न्यायालय की मांग के पक्ष में खड़े हैं। ज्ञात रहे कि डीजे कोर्ट की स्थापना को लेकर कोटपूतली और बहरोड़ के बीच चल रहे गतिरोध के कारण इस मुद्दे पर तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों बार एसोसिएशन अपनी-अपनी मांग पर अडिग हैं और यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और तेज हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद को हल करने के लिए क्या कदम उठाती है।

जगह-जगह तैनात रही पुलिस

बंद के कारण शहर के सभी प्रमुख बाजारों में पूरी तरह सन्नाटा देखने को मिला। व्यापारियों और विभिन्न संगठनों के समर्थन के चलते सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। जगह-जगह पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया था, जिससे चिकित्सा सेवाओं और अन्य आवश्यक सुविधाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पूरे दिन डीएसपी राजेन्द्र कुमार बुरडक से लेकर थानाधिकारी राजेश शर्मा, थानाधिकारी बाबूलाल मीणा सरुंड, थानाधिकारी प्रदीप यादव महिला थाना, थानाधिकारी मोहर सिंह पनियाला से लेकर अन्य अधिकारी शहर भर में भ्रमण करते रहे। शहर के सभी प्रवेश वाले मार्गों पर पुलिस के जवान तैनात थे। तिराहे पर सभा को लेकर चौपहिया वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया था।

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