विरोध-प्रदर्शन के बाद निकाली रैली, अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारी विद्युत क्षेत्र में हो रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं। सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतरे कर्मचारियों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और रैली निकालकर एसडीएम बृजेश चौधरी व एईएन के नाम सहायक राजस्व अधिकारी कल्याण सहाय को ज्ञापन सौंपे। कनिष्ठ अभियन्ता सचिन भाटी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप जांगिड़, मीडिया प्रभारी विवेक सैनी, कोषाध्यक्ष अनिल सैनी, सवाई सिंह जाट व मोहनलाल सैनी सहित सभी कर्मचारियों ने सरकार की मौजूदा नीतियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये नीतियां राज्य की विद्युत व्यवस्था और सामरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं। सरकार उत्पादन, प्रसारण और वितरण में अलग-अलग मॉडल और प्रक्रियाओं के नाम पर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। इससे न केवल राज्य के आर्थिक हितों को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता, किसानों और कर्मचारियों के हित भी प्रभावित हो रहे हैं। समिति की ओर से सरकार से मुख्य मुद्दों के साथ कई मांगे रखी हैं। समिति के पदाधिकारियों ने विद्युत क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाने, ग्रिड और उत्पादन गृहों का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करवाने और ओपीएस योजना को पूर्ण रूप से लागू करते हुए सीपीएफ कटौती बंद किए जाने सहित कुल 6 सूत्री मांगें उठाई हैं। समिति ने कहा कि यदि इन मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे लोकतांत्रिक माध्यम से अपने आंदोलन को और तेज करेंगे। इस दौरान बुधराम गुर्जर, सुमित कुमार, रमाकांत, कर्मपाल चौधरी, जयसिंह, राकेश कुमार, निरंजनलाल, रुपसिंह, महेश यादव, महेश कसाना, शिवकुमार जांगिड़, दलीप शर्मा सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।