दिया बेटा-बेटी एक सम्मान का संदेश
कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
समाज के बदलते परिवेश और शिक्षा के विकास के कारण अब रुढ़ीवादी परंपराओं को जनता धीरे.धीरे तिलांजलि देने लगी है। जहां पहले बेटियों को समाज में बोझ समझा जाता था, वहीं अब शिक्षा और जागरुकता की वजह से जनता की सोच में बदलाव देखने को मिल रहा है। आधुनिक दौर में शिक्षा के प्रसार-प्रचार से समाज में आई जागरुकता से बेटियों को भी बेटों के बराबर सम्मान मिलने लगा है। ऐसा ही कोटपूतली के एक परिवार ने रुढ़ीवादी परंपरा को तोड़ते हुए बेटी की शादी की रस्मों को वैसे ही निभाया, जैसे बेटों की निभाई जाती है। शहर के मानसी विहार में रहने वाले रामावतार जांगिड़ की पोती पायल की शनिवार को होने वाली शादी से पहले उसके सारे रस्म और रिवाज लडक़ों की भांति किए। बेटी के पिता मुकेश कुमार व ताऊ मामराज मास्टर ने बताया कि वर्तमान में बेटियों के प्रति समाज में जागृति आई हैं। इसलिए समाज में आज बेटा बेटी का हर क्षेत्र में सम्मान अधिकार है।