KOTPUTLI: कोटपूतली में भाजपा के भरोसे (प्रत्याशी) पर बढ़ गई बगावत की आशंका, विद्रोह हुआ तो भाजपा की बिगड़ सकती है चुनावी शतरंज की बिसात, हंसराज पटेल को टिकट दिए जाने से खफा मुकेश गोयल निर्दलीय ठोक सकते हैं ताल

KOTPUTLI: कोटपूतली में भाजपा के भरोसे (प्रत्याशी) पर बढ़ गई बगावत की आशंका, विद्रोह हुआ तो भाजपा की बिगड़ सकती है चुनावी शतरंज की बिसात, हंसराज पटेल को टिकट दिए जाने से खफा मुकेश गोयल निर्दलीय ठोक सकते हैं ताल

बुधवार को कार्यकर्ता सम्मेलन में होगा रणनीति पर मंथन

अंदरखाने कांग्रेस भी नई रणनीति बनाने में जुटी

भाजपा में आपसी अदावत का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करेगी कांग्रेस

कोटपूतली-बहरोड़/आनंद पंडित (स्वतंत्र पत्रकार)
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बाद भाजपा में विद्रोह की ज्वाला भभकने लगी है। कोटपूतली में भाजपा उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही एक प्रबल दावेदार के सुर में बगावती तेवर झलकने लगा है और इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को कार्यकर्ता सम्मेलन के नाम पर शरणम पैराडाइज में एक सभा का ऐलान कर दिया गया है। इसमें न आगामी केवल रणनीति पर चर्चा होगी, बल्कि कार्यकर्ताओं की सहमति से कोई ठोस निर्णय भी लिया जा सकता है। सभा में क्या होगा, यह तो कुछ घंटे बाद स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन इतना साफ है कि यदि विद्रोह हुआ तो भाजपा की चुनावी शतरंज की बिसात बिगडऩे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर, हंसराज पटेल को भाजपा प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बाद कांग्रेस अब नई रणनीति में जुट गई है। सूत्रों की मानें तो अंदरखाने कांग्रेस नए सिरे से चुनाव की रणनीति बनाने लगी है। पार्टी के प्रबल दावेदार राजेन्द्र सिंह यादव के सलाहकारों की नजरें अब निर्दलीय की हैसियत से चुनाव मैदान में कूदने वाले संभावित नामों पर है। यही नहीं, अब कांग्रेस ऐसी रणनीति बना रही है कि उसे भाजपा में पनपी आपसी अदावत का भरपूर लाभ मिल सके।

पार्टी निर्णय पर सवाल, खुद का निर्णय जनता पर छोड़ा

कोटपूतली में भाजपा नेता हंसराज पटेल को टिकट दिए जाने से दावेदारी कर रहे मुकेश गोयल खासे नाराज हैं। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर प्रत्याशी के नाम का खुलकर विरोध किया। मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी के नाम से कार्यकर्ताओं की भावना को भारी ठेस पहुंची है और भाजपा नेतृत्व के इस निर्णय का हम सब विरोध करते हैं। गोयल ने कहा कि अनेक ऐसे लोग लगातार क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, जो टिकट भी मांग रहे थे। पांच वर्ष तक काम करने वाले अनेक कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है, जिसने पार्टी के खिलाफ न केवल चुनाव लड़ा, बल्कि पार्टी का अपमान तक किया। यदि जातिगत आधार पर भी टिकट देना था तो ऐसे अनेक कार्यकर्ता थे, जिन्हें मौका मिलना चाहिए था। मैं उन सब के साथ रहता, पार्टी के निर्णय के साथ रहता। हांलाकि, गोयल ने यह भी कहा कि वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं और आगे भी रहेंगे। मैं पार्टी के इस निर्णय के खिलाफ हूं। कोटपूतली मेरा परिवार है और परिवार सबसे पहले होता है। यह निर्णय पार्टी व कोटपूतली को तोडऩे वाला है, इससे कोटपूतली को ताकत नहीं मिलेगी।

गोयल ने की पुनर्विचार करने की अपील

गोयल ने कहा कि कुछ लोगों ने वास्तविक तथ्य छिपाकर नेतृत्व के समक्ष पैरवी की और टिकट पर निर्णय सुना दिया गया। कई बार पार्टी में कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते कुछ ऐसी बातों को आगे पेश कर देते हैं। गोयल ने भाजपा नेताओं व केंद्रीय नेतृत्व से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए उन नेताओं पर भी तंज कसा, जिन्होंने पटेल की पैरवी की। गोयल ने कहा कि पार्टी से भी बड़ा परिवार होता है। कोटपूतली मेरा परिवार है, परिवार को मजबूत करने के लिए जैसा कोटपूतली की जनता चाहेगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा।

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