JAIPUR: शांति एवं अहिंसा निदेशालय और बियानी लॉ कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ”भारतीय संविधान: भारत की आत्मा” विषय पर व्याख्यान सत्र और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

JAIPUR: शांति एवं अहिंसा निदेशालय और बियानी लॉ कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ”भारतीय संविधान: भारत की आत्मा” विषय पर व्याख्यान सत्र और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

जयपुर/सच पत्रिका न्यूज

शांति एवं अहिंसा निदेशालय और बियानी लॉ कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में संविधान के 75 वर्ष  पूरे होने पर संविधान के अमृत महोत्सव अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में गुरूवार को ”भारतीय संविधान : भारत की आत्मा” विषय पर व्याख्यान सत्र और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा ने संविधान के महत्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा संविधान न्याय, समानता और भाईचारे जैसे आदर्शों को सुनिश्चित करता है। उन्होंने नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ उनके कर्तव्यों पर भी बल दिया और कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह संविधान में निहित मूल्यों का पालन करे। उन्होंने कहा कि संविधान हमें समानता, भाईचारे और आपसी सद्भावना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, जो एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण की नींव है।

सांसद श्रीमती मंजू शर्मा ने भारत माता के जयकारों के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं के संविधान निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हर व्यक्ति को यह अधिकार प्रदान करता है कि वह अपने विचार स्वतंत्र रूप से समाज के सामने व्यक्त कर सके। सांसद ने यह भी उल्लेख किया कि कई लोग संविधान के अधिकार प्राप्त होने के बावजूद इसका पर्याप्त ज्ञान नहीं रखते और उसका उचित सम्मान नहीं करते। उन्होंने स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया और पौधरोपण को प्रोत्साहित करने की बात कही।

शांति एवं अहिंसा विभाग के शासन सचिव वी. सरवन कुमार ने संविधान पढ़ने और उसे समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संविधान हमें न केवल हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी देता है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और विकास के मार्ग को भी प्रशस्त करता है। शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक अजय असवाल ने संविधान और महात्मा गांधी के विचारों के बीच गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधीजी के आदर्शों ने संविधान को शांति और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित एक मजबूत दस्तावेज बनाने में प्रेरणा दी। बियानी ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के निदेशक डॉ. संजय बियानी ने महात्मा गांधी के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि शांति और अहिंसा हमारे जीवन के मूलभूत मूल्य हैं। कार्यक्रम के दौरान व्याख्यान सत्र और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्रों में संविधान के प्रावधानों के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से शांति एवं अहिंसा निदेशालय द्वारा प्रश्नोतरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में दो टीमो के समान अंक आने पर टाई ब्रेकर के माध्यम से विजेता का निर्णय किया गया। विभाग द्वारा प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरुस्कृत किया गया व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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