KOTPUTLI-BEHROR: रामनवमी पर पावटा बना आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र

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बाबा बालनाथ आश्रम में अमित शाह ने की महायज्ञ की पूर्णाहुति

बोले-ऐसा आयोजन जीवन में पहले कभी नहीं देखा

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
सांसारिक व्यस्तता और राजनीतिक हलचलों से अलग रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक आध्यात्मिक यात्रा पर कोटपूतली के पावटा स्थित बाबा बालनाथ आश्रम पहुंचे। अवसर था 108 कुण्डीय महामृत्युंजय रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति का और दिन था रामनवमी का। यह आयोजन केवल धार्मिक रस्मों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राजनीतिक सौहाद्र्र का बेजोड़ उदाहरण बनकर सामने आया। आसपास के क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस आयोजन को भव्यता के शिखर तक पहुंचाया। गृह मंत्री अमित शाह जब बाबा बालनाथ जी की समाधि पर पहुंचे तो उन्होंने वहां नमन कर ध्यान लगाया। बाद में सभा स्थल पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बहुत कम उम्र से सामाजिक जीवन में सक्रिय हूं और न जाने कितने धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बना हूं, लेकिन ऐसा आयोजन मैंने पहले कभी नहीं देखा। यह यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को जोडऩे का माध्यम बना है।

शाह ने यह भी कहा कि वे भाषण देने नहीं, बल्कि बाबा बालनाथ जी की समाधि से ऊर्जा लेने आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि नाथ संप्रदाय की परंपरा आदिनाथ से लेकर आज तक समाज सुधार और सेवा की प्रेरणा रही है। बाबा बालनाथ भी ऐसे ही महायोगी थे, जिन्होंने देश-विदेश में 84 धूंणी स्थापित कर अपना जीवन धर्ममय किया। शाह ने बाबा बस्तीनाथ जी द्वारा भेंट किए गए श्रीयंत्र का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उसका सम्मानपूर्वक स्मरण किया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री विजय सिंह चौधरी, सांसद राव राजेन्द्र सिंह, कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल, विराटनगर विधायक कुलदीप धनकड़, बानसूर विधायक देवीसिंह शेखावत, पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव व शकुंतला रावत, भाजपा नेता शंकरलाल कसाना व महेन्द्र यादव, सरपंच मदन यादव समेत दर्जनों नेता शामिल हुए।

संस्कृति व सनातन की ऊर्जा है यह आयोजन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी गृहमंत्री के साथ मंच साझा किया और इस आयोजन को संस्कृति की चेतना और सनातन के मूल तत्वों को जाग्रत करने वाला बताया। सीएम ने कहा कि ऐसा आयोजन संस्कृति और सनातन की ऊर्जा देता है। देश में रामलला के भव्य मंदिर से लेकर बाबा बालनाथ जैसे संतों की साधना स्थली तक हमारी परंपराओं का संरक्षण हो रहा है। आने वाली पीढ़ी को इससे दिशा मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान बाबा बस्तीनाथ महाराज ने अपने आशीर्वचन में गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल यज्ञ नहीं, बल्कि संस्कृति और समाज को जोडऩे की एक चेष्टा है। उन्होंने बताया कि बाबा बालनाथ जी की प्रेरणा से यह आयोजन वर्षभर चलता रहा और लाखों लोग इससे जुड़े।

सुरक्षा के अभेद्य घेरे में हुआ आयोजन

गृह मंत्री और मुख्यमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही। सभा स्थल,ए आश्रम परिसर और आसपास के क्षेत्रों में कुल 2000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए, जिनमें 1500 पुलिसकर्मी और 500 अन्य एजेंसियों के जवान शामिल रहे। ड्रोन कैमरों से निगरानी, एटीएस और एसटीएफ की सक्रियता, वीआईपी मूवमेंट के लिए तीन हेलीपैड और ट्रैफिक डायवर्जन जैसी व्यवस्थाएं यह दर्शाती हैं कि प्रशासन ने आयोजन को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत पूरे दिन व्यवस्थाओं की निगरानी करते रहे। कार्यक्रम के दौरान करीब पौन घंटे के लिए नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक रोका गया।

लोक कलाकारों ने बांधा समां

आयोजन में धार्मिक रस्मों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। सुप्रसिद्ध लोक गायक इन्द्राज म्हासी सहित कई कलाकारों ने देवी-देवताओं पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी। घंटों तक चले इन भजनों ने वातावरण को पूर्णत: भक्ति में सराबोर कर दिया। आश्रम परिसर में आयोजित विशाल भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। आश्रम के सेवकों, महिला मंडलियों और स्वयंसेवकों की टीम सुबह से ही व्यवस्थाएं संभालने में लगी रही। हर वर्ग, हर आयु और हर पंथ से जुड़ा व्यक्ति इस आयोजन में सहभागी बनकर आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आया।

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी रहा अहम

इस कार्यक्रम की एक विशेष बात यह रही कि यह दिन भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के रुप में भी मनाया गया। ऐसे में अमित शाह और भजनलाल शर्मा की इस धार्मिक कार्यक्रम में मौजूदगी को राजनीतिक संकेतों से भी जोड़ा गया। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए यह आयोजन केवल श्रद्धा नहीं, बल्कि आस्था और संगठन के संकल्प का संगम भी बना।

 

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