KOTPUTLI-BEHROR: पंचायतों की नई बिसात, परिसीमन से बदली गांवों की सरहदें

KOTPUTLI-BEHROR: पंचायतों की नई बिसात, परिसीमन से बदली गांवों की सरहदें

गांवों में बढ़ी सियासी हलचल और जन असंतोष

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
पंचायतों के परिसीमन ने कोटपूतली पंचायत समिति क्षेत्र की ग्रामीण राजनीति और जनसुविधाओं की दशा-दिशा दोनों को हिला कर रख दिया है। प्रशासन द्वारा प्रस्तावित 29 नई ग्राम पंचायतों की सूची में शामिल 54 गांवों को लेकर ग्रामीणों के बीच नाराजगी और असमंजस का माहौल है। कहीं गांव मुख्यालय से कट गए हैं, तो कहीं छोटे गांवों को पंचायत बना दिया गया है, जबकि बड़े राजस्व गांव नजर अंदाज रह गए हैं।

नई पंचायतें, नई उम्मीदें या नई उलझनें

प्रशासन के मुताबिक, पंचायत परिसीमन का उद्देश्य ग्रामीणों को सुगम प्रशासन और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना है। लेकिन वास्तविकता यह है कि कई ग्रामीण अब तक अपने गांव के पुराने पंचायत मुख्यालय से जुड़े थे, जो अब नए नक्शे में काफी दूर चला गया है। इससे न केवल ग्रामीणों की सुविधा प्रभावित हुई है, बल्कि ग्राम स्वराज की अवधारणा भी सवालों के घेरे में आ गई है।

आपत्तियों की झड़ी, जनआक्रोश साफ

परिसीमन की प्रारंभिक सूची जारी होते ही अनेक गांव के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और उपखंड कार्यालय का रुख करने लगे हैं और आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। लोगों की प्रमुख शिकायत है कि छोटे गांवों को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाकर बड़े और पुरातन गांवों को हाशिए पर रखा गया है। कई गांवों के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि पहले पंचायत मुख्यालय घर से कुछ किलोमीटर पर था, लेकिन अब नए प्रस्ताव में यह दूरी बढ़ गई है।

सरपंची के समीकरण भी बदले

जहां आमजन अपनी सुविधा को लेकर चिंतित हैं, वहीं सरपंच बनने की तैयारी में जुटे स्थानीय नेता परिसीमन से प्रभावित जनाधार का हिसाब-किताब लगाने में लगे हैं। कई संभावित प्रत्याशी अब नई पंचायत सीमाओं में खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। यह स्थिति आगामी पंचायत चुनावों में नए समीकरणों को जन्म दे सकती है।

नए प्रस्ताव में शामिल प्रमुख पंचायतें

कोटपूतली पंचायत समिति क्षेत्र में प्रस्तावित पानेड़ा, बनेठी में बनेठी और कायमपुराबास, पवाला राजपूत में चुरी और पवाला राजपूत, कुहाड़ा में कुहाड़ा और पदमा की ढाणी, कल्याणपुरा कलां में कल्याणपुरा कलां और रामनगर, चिमनपुरा में भोपतपुरा, पूरणनगर और चिमनपुरा, अजीतपुरा खुर्द में अमरपुरा और अजीतपुरा खुर्द, रायकरणपुरा में नृसिंहपुरा और रायकरणपुरा, रामगढ़ में रामगढ़, हसनपुरा और राजगढ़, बखराना में धंवाली, प्रतापनगर और बखराना, जयसिंहपुरा में नांगल चेचीका और जयसिंहपुरा, बनका में करवास और बनका, केशवाना राजपूत में मलपुरा और केशवाना राजपूत, नारेहड़ा में नारेहड़ा और नवलकुशालपुरा, शुक्लाबास में पिचाणी और शुक्लाबास, कुजोता में अजीतपुरा कलां और कुजोता, गोरधनपुरा में गोरधनपुरा और महरमपुर नवाब, आसपुरा में रघुनाथपुरा और आसपुरा, बसई में पेजूका और बसई, हांसियावास में टमोरीबास, जाहिदपुरा, नागड़ीवास और हांसियावास को शामिल किया गया है। साथ ही देवता, बनार, मोरदा, खेड़ानिहालपुरा, पवाना अहीर, दादुका जैसे राजस्व गांवों को स्वतंत्र ग्राम पंचायत घोषित किया गया है।

प्रशासन कर रहा है समीक्षा

गांवों की बदलती सीमाएं जहां विकास की नई संभावनाएं खोल सकती हैं, वहीं इससे उपजे असंतोष ने प्रशासन को एक नई चुनौती के रुप में घेर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि आपत्तियों और सुझावों की समीक्षा की जा रही है। सभी प्रस्तावों को ग्रामों की भौगोलिक स्थिति, सुगम संपर्क, जनसंख्या और प्रशासनिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। अंतिम अनुमोदन के बाद ही इन प्रस्तावों को लागू किया जाएगा।

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