KOTPUTLI-BEHROR: मतदाताओं को रिझाने में जुटे उम्मीदवार, कोटपूतली में बिछने लगी है चुनावी चौसर, चाय-पान की दुकान हो या फिर गांव की चौपाल, हर जगह चर्चाएं हैं तो बस विधानसभा चुनाव की

KOTPUTLI-BEHROR: मतदाताओं को रिझाने में जुटे उम्मीदवार, कोटपूतली में बिछने लगी है चुनावी चौसर, चाय-पान की दुकान हो या फिर गांव की चौपाल, हर जगह चर्चाएं हैं तो बस विधानसभा चुनाव की

समर्थक अपने प्रत्याशी की विशेषताओं को गिनाने में मशगुल

कोटपूतली क्षेत्र में छुटभैया नेता भी हुए सक्रिय

आनंद पंडित (स्वतंत्र पत्रकार)

विधानसभा चुनाव में अब करीब एक पखवाड़े का समय शेष रह गया है और चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशियों ने गांव-ढ़ांणियों में पहुंच मतदाताओं की खैर-खबर लेना भी शुरु कर दिया है। साथ ही मतदाताओं को भी अपनी ओर आकर्षित करने के लिए क्षेत्र के विकास हेतु बड़े-बड़े वायदे करने में जुटे हुए हैं। उम्मीदवारों व उनके समर्थकों द्वारा मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने में किसी भी प्रकार से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इधर, कोटपूतली विधान सभा क्षेत्र का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जिसमें लोगों को चुनावी चर्चाओं की गर्मी का एहसास नहीं हो रहा हो। चाय-पान की दुकान हो या फिर गांव की चौपाल, हर जगह चर्चाएं हैं तो बस विधानसभा चुनाव की। जिसे देखो वहीं अपने-अपने प्रत्याशी की विशेषताओं को गिनाने में मशगुल है। कहीं-कहीं तो चुनावों को लेकर लोगों में अच्छी खासी बहस भी होती नजर आ रही है। दूसरी ओर मतदाता भी इस बार प्रत्याशियों को जमकर छकाने के मूड़ में दिखाई दे रहे हैं। मतदाता मात्र आश्वासनों से ही प्रत्याशियों के सपनों को परवान चढ़ाने में जुटे हुए हैं। इधर, चुनाव मैदान में कूदे विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवार अपने-अपने समर्थकों के साथ जीतने के विभिन्न तरह के प्रयास करते नजर आ रहे हैं। वहीं चुनावी मौसम का बेसब्री से इंतजार कर रहे क्षेत्र के छुटभैया नेता भी अब सक्रिय होकर अपनी वाकचतुरता के माध्यम से अपना उल्लू सीधा करने में जुट गए हैं।

प्रत्याशियों की मान-मनुहार जारी

कोटपूतली में कुल 11 दलीय व निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। भाजपा, कांग्रेस, बसपा, जेजेपी व आरएलपी ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं तो वहीं कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी ताल ठोक रखी है। चुनाव मैदान में निर्दलियों की संख्या अधिक होने से अभी तक भाजपा व कांग्रेस उम्मीदवार को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही हैं। राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशी उन प्रत्याशियों को मनाने में जुटे हुए हैं, जो उनकी राह में रोड़ा अटकाए खड़े दिखाई दे रहे हैं। बताया जाता है कि कई गांवों में समाजों के पंच-पटेलों की बैठकें और सभाएं भी हुई, ताकि पंच-पटेल निर्दलीय प्रत्याशियों पर दवाब बनाकर उन्हें चुनाव लडऩे से रोक सके या फिर समाज में किसी एक ही प्रत्याशी पर सहमति बन सके। मान-मनुहार के बीच प्रत्याशियों द्वारा पंच-पटेलों को पूरा सम्मान मिल रहा है। गुरुवार को 3 बजे के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि कौन-कौन प्रत्याशी मान-मनुहार में सफल हो पाए।

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