KOTPUTLI-BEHROR: धूमधाम से मनाई आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती, वैद्यों ने की धन्वंतरि की पूजा

KOTPUTLI-BEHROR: धूमधाम से मनाई आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती, वैद्यों ने की धन्वंतरि की पूजा

कोटपूतली-बहरोड़/सच पत्रिका न्यूज
शहर सहित आसपास के इलाके में आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि की जयंती शुक्रवार को बड़ी धूमधाम से मनाई गई। जानकारी के मुताबिक, यहां के राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल में कार्यवाहक पीएमओ डा.नरेश छीपी की अध्यक्षता में भगवान धन्वंतरि का विधिवत् पूजन कराया गया। उन्होंने भगवान श्री धन्वंतरी के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डा.सुधा शर्मा ने कहा कि प्राचीन समय में तो सम्पूर्ण चिकित्सा आयुर्वेद पर निर्भर थी ही, किन्तु वर्तमान समय में भी आयुर्वेद ने चिकित्सा जगत में अनेक कीर्तिमान स्थापित करने में सफलता हांसिल की है। इस दौरान डा.संजीव मीणा, डा.नरेन्द्र, लैब प्रभारी नेतराम यादव, एलटी महेश गौड, रामनिवास यादव, महेश पारीक आदि ने भी चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डाला। आयुर्वेद विभाग नोडल केन्द्र पर धन्वंतरी जयंती डा.संजय शर्मा की अध्यक्षता में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। डा.रमेश आर्य, नर्सिंग अधिकारी विनोदीलाल शर्मा, डा.राजवीर यादव, डा.महेश शर्मा, डा.भोमसिंह चौधरी, डा.राजेन्द्र गुर्जर, डा.राजेन्द्र गुर्जर व डा.अनिल वर्मा आदि वक्ताओं ने धन्वंतरी के चिकित्सा सिद्धांतों को सार्वभौमिक व सर्वकालिक बताया। दूसरी ओर कांसली स्थित श्री सिद्धाश्रम फार्मेसी में पं.वेदप्रकाश शर्मा द्वारा भगवान धन्वंतरी का विधिवत् पूजन कराया गया। संस्था प्रधान व सरपंच विष्णु शर्मा ने आयुर्वेद चिकित्सा पर प्रकाश डाला। आशीष शर्मा व सिद्धार्थ शर्मा ने अभिवादन किया। कस्बे के पुरानी सब्जी मण्डी वार्ड संख्या 7 स्थित स्व.वैद्य ताराचंद मुद्गल द्वारा संस्थापित ताराचंद अस्पताल में वैद्य चन्द्रकांत शर्मा के नेतृत्व में भगवान धंवन्तरि की विधिवत् रुप से पूजा-अर्चना कर समूचे मानव मात्र के लिए आरोग्यता प्रदान करने की प्रार्थना की गई। इस मौके पर भगवान धन्वन्तरि की विशेष पूजा-अर्चना किए जाने के बाद प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम में डा.राहुल शर्मा, डा.सुधा शर्मा, कम्पाउंडर राजेश सैनी, धर्मपाल आदि मौजूद थे। इधर, अनिता आयुर्वेद स्टोर पर संचालक अभिनव शर्मा के निर्देशन में भगवान धन्वन्तरि की पूजा की गई।

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